शुभ अशुभ / रघुविन्द्र यादव
"साहब, आपने दो साल पहले होली पर पार्क में जो पीपल का पेड़ लगाया था, शर्मा जी उसे कटवाना चाहते हैं। कहते हैं घर के सामने पीपल अशुभ है।"
"देखो रामरतन, तुम पीपल क्या कोई पेड़ मत काटना। हम नहीं चाहते तुम बेवजह के झंझट में पड़ो... और शर्मा जी से कह देना डॉ.साहब ने पेड़ काटने से मना किया है।"
"ठीक है साहब, पर मैं आपको भी इस झंझट में नहीं पड़ने दूंगा, खुद ही कोई हल निकालूँगा।"
एक सप्ताह बाद डॉ.साहब ने पूछा-"रामरतन, क्या शर्मा जी ने फिर कहा पेड़ काटने को?"
"उसका इलाज हमने कर दिया साहब! हम बाज़ार से दस रूपये की मोली (कच्चे सूत का रंगीन धागा) लाये और लपेट दी पीपल के चारों ओर। फिर जाकर शर्मा जी से बोले-'पंडित जी, हमसे क्यों अनर्थ करवाते हो, इस पीपल की तो पूजा हो चुकी, लाल धागा लिपटा है चारों ओर, अब इसे काटना-कटवाना महापाप है। आप भी पूजा कर महापाप से बचिए।' बस फिर क्या था शर्मा जी भी लौटा लेकर देवता पर जल चढ़ा आये।"