शैवाल / परिचय
जन्मः 23 फरवरी , 1949 बिहार
40 साल से फिल्म, साहित्य, कथा, कविता, रपट एवं अन्य साहित्यिक विधाओं में लेखन। फिल्मः 1984 में राष्ट्रीय पुरस्कार स्वर्ण कमल से सम्मानित फिल्म 'दामुल' के लिए कथा, पटकथा, एवं संवाद लेखन व 'मृत्युदंड' के लिए कथा लेखन, एवं 'दास कैपिटल' (गुलामों की राजधानी) के लिए कथा, संवाद एवं पटकथा लेखन व स्व. जयवंत दलवी के मराठी नाटक पर आधारित फिल्म 'पुरुष' के लिए संवाद और पटकथा लेखन। संपादनः कथाबोध, इंदु, परिकथा।
कहानी संग्रहः 'समुद्रगाथा', 'मरुयात्रा', 'अरण्यगाथा', 'दामुल और अन्य कहानियां', 'यहां कोई गुलमुहर नहीं है', 'सुप्रभा के घर में घोड़ा', 'कथा नायिकाएं' और 'चुनिंदा कहानियां'।
पुरस्कारः कथा लेखन के लिए 'रेणु पुरस्कार', 'गंगाशरण सिंह पुरस्कार', एवं 'बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान' । पत्रकारिताः रविवार के लिए 'गांव' कॉलम, धर्मयुग के लिए विशेष रिपोर्ताज का लेखन। सभी प्रमुख अखबारों और पत्रिकाओं के लिए रिपोर्ट, कॉलम और फिल्म समीक्षा का लेखन.।
रेडियोः आकाशवाणी दिल्ली केंद्र के लिए 'नसरुद्दीन जिंदा है' नामक रेडियो धारावाहिक का लेखन ।
टेलीविजन : दूरदर्शन के इंडियन क्लासिक सीरीज में चुनी गई अपनी कथा 'मेनवरसीमा का गीत' के लिए पटकथा एवं संवाद लेखन।
संपर्कः एम.आई.जी 65, शहीद भगत सिंह कॉलोनी, गया, बिहार।
मोबाइल: 09431808101
ईमेल: shaiwal writer@yahoo.co.in