श्रीदेवी की वापसी / जयप्रकाश चौकसे

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श्रीदेवी की वापसी
प्रकाशन तिथि : 05 मार्च 2011


श्रीदेवी वर्षों बाद फिल्मों में लौट रही हैं। वे 'चीनी कम' और 'पा' के लिए प्रसिद्ध फिल्मकार आर.बाल्की की पत्नी गौरी शिंदे की लिखी और निर्देशित की जाने वाली फिल्म में काम करने जा रही हैं। श्रीदेवी की वापसी के लिए यश चोपड़ा सहित कई फिल्मकार प्रयास कर चुके हैं। उनके पति बोनी कपूर भी 'मि. इडिया भाग दो' के द्वारा उनकी वापसी का प्रयास कर चुके हैं। श्रीदेवी ने अनेक तमिल फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम करके अपना कॅरियर शुरू किया था। अनेक भाषाओं में उन्होंने तीन सौ से अधिक फिल्मों में काम किया है। 'जूली' में नायिका की छोटी बहन के रूप में दर्शकों का ध्यान उनकी ओर गया था। अमोल पालेकर के साथ 'सोलहवां सावन' नामक असफल फिल्म में काम करने के कोई चार वर्ष पश्चात जीतेंद्र के साथ 'हिम्मतवाला' में वे नए स्वरूप में सामने आईं और फिर सफल फिल्मों की कतार लगा दी। कमल हासन के साथ 'सदमा' में दिमागी रूप से अवरुद्ध प्रगति वाली लड़की की कठिन भूमिका में उनकी बहुत प्रशंसा हुई।

श्रीदेवी के चेहरे पर बच्चों-सी मासूमियत है और शरीर में मादकता है। इसी मासूमियत और मादकता के मिश्रण से बनता है उनका जादू। शायद इसी कारण वह लटके-झटके वाले गानों में भी कभी अश्लील नहीं लगीं, यहां तक कि 'मि. इंडिया' के गीत 'काटे नहीं कटते...' वाले गाने को भी पारिवारिक दर्शक साथ बैठकर देख सकते हंै। यश चोपड़ा की 'लम्हे' की दोहरी भूमिकाओं में श्रीदेवी ने श्रेष्ठ अभिनय किया है। इसके पहले यश चोपड़ा की ही 'चांदनी' से वह शिखर सितारा हो चुकी थीं। 'चालबाज' की दोहरी भूमिकाओं में फिल्मकार ने मासूमियत और मादकता को बांट दिया था। नृत्य निर्देशिका सरोज खान का कहना है कि श्रीदेवी से ज्यादा लचीलापन उन्हें किसी और में देखने को नहीं मिला। यश चोपड़ा उनके अनुशासन की प्रशंसा करते हैं। यह प्राय: देखा गया है कि महिला शिखर सितारे की वापसी कठिन होती है। दर्शक की पीढ़ी बदल जाती है और इस क्षेत्र में पुरानी ख्याति कोई काम नहीं आती। माधुरी दीक्षित का प्रयास असफल रहा है। दरअसल नायिका की उम्र दर्शक के अवचेतन में रहती है और वह वर्तमान स्वरूप में कितनी ही चुस्त-दुरुस्त क्यों न हों, वे उसको आसानी से स्वीकार नहीं करते। उम्र के इस पड़ाव पर श्रीदेवी को उनकी किसी विगत सफलता वाली छवि में स्वीकार नहीं किया जाएगा। श्रीदेवी ने चार वर्ष की आयु से अभिनय प्रारंभ किया था और उन्हें कहानी चुनने की समझ है। आर.बाल्की ने गैर पारंपरिक फिल्में बनाई हैं और वे सफल रहे हैं। श्रीदेवी ने उनकी पटकथा को बहुत पसंद किया है और जून-जुलाई में अमेरिका व पूना में फिल्म की शूटिंग होगी।

ज्ञातव्य है कि बाल्की ने अमिताभ बच्चन को भी अभिनव भूमिकाएं दी थीं और कोई आश्चर्य नहीं कि उनके द्वारा प्रस्तुत श्रीदेवी एकदम नए रूप में सामने आएं। अत: सफल वापसी संभव है। श्रीदेवी अपनी ज्येष्ठ पुत्री को भी अभिनय कॅरियर के लिए तैयार कर रही हैं। कुछ समय बाद मां और बेटी के लिए भी पटकथा लिखी जा सकती है। पिता-पुत्र फिल्में बहुत बनती रही हैं। एक हॉलीवुड फिल्म में मां कभी शिखर सितारा रही हैं और अब वे जनता के सामने नहीं आतीं, क्योंकि छवि का जादू बनाए रखना चाहती हैं। उनकी पुत्री की शक्ल मिलती-जुलती है और एक महत्वपूर्ण समारोह में वे बेटी को अपनी जगह भेज देती हैं। मीडिया की प्रशंसा से प्रेरित प्राय: वह अपनी युवा बेटी को थोड़ा सा मेकअप करके अपनी जगह भेजती है। बेटी का अपना जीवन है और वह मां का डुप्लीकेट करते-करते तंग आ गई है। इस तरह के द्वंद्व की फिल्म भी बन सकती है।