श्रीमती नीता अंबानी का जन्मदिन / जयप्रकाश चौकसे

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श्रीमती नीता अंबानी का जन्मदिन
प्रकाशन तिथि : 01 नवम्बर 2013


आज जोधपुर में श्रीमती नीता मुकेश अंबानी अपना पचासवां जन्मदिन मना रही हैं। अनेक सितारे और खिलाड़ी तथा श्रेष्ठि वर्ग के लोग मौजूद होंगे। इस उत्सव की विशेषता यह है कि स्वयं नीता अंबानी एक शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत करने जा रही हैं। गोयाकि अपने जीवन के नए वर्ष का पहला घुंघरू बंधा पैर किसी ताल पर पड़ेगा। ज्ञातव्य है कि एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में उनका नृत्य देखकर ही मुकेश की मां को लगा था कि यह उनकी बहू हो सकती है। परिवारों में मेल-मिलाप शुरू हुआ और विवाह संबंध हो गया। अगर यह नहीं होता तो इस संभावना से इनकार नहीं कर सकते कि नीता को फिल्म में अवसर मिल सकता था। गोयाकि भारत के सबस धनाड््य परिवार की दोनों बहुएं फिल्म जगत से होतीं। टीना अंबानी शिखर सितारा रह चुकी हैं। अंबानी परिवार का फिल्म उद्योग और खेल जगत से संबंध जुड़ा हुआ है। यह भी गौरतलब है कि मित्र अनिल नहीं वरन् मुकेश अंबानी ने अमिताभ बच्चन को सलाह दी थी कि वे अपनी तात्कालिक आर्थिक कठिनाईयों से अभिनय के माध्यम से ही बाहर आ सकते हैं और ऐसा ही हुआ। उस दौर में अमिताभ बच्चन का 'कौन बनेगा करोड़पति' करना व यश चोपड़ा के घर जाकर 'मोहब्बतें' में अभिनय करना ही निर्णायक मोड़ सिद्ध हुए।

आज श्रीमती टीना अंबानी परिवार द्वारा स्थापित अस्पताल तथा नए चित्रकारों द्वारा किए गए काम को बढ़ावा देने वाली संस्था का प्रबंध देखती हैं तथा श्रीमती नीता अंबानी परिवार के स्कूल तथा आईपीएल का काम देखती हैं। ज्ञातव्य है कि उच्च गुणवत्ता के लिए स्कूल प्रसिद्ध है। श्रीमती नीता अंबानी ने स्वयं को इतना चुस्त-दुरुस्त रखा है कि पचास की वय में भी वे भारतनाट्यम प्रस्तुत करने जा रही हैं। अंबानी परिवार दुनिया के प्रथम पांच धनाड्य परिवारों में एक है। उन्होंने श्रेष्ठि वर्ग के बच्चों की शिक्षा के लिए विश्व स्तर की संस्था भारत में खोली है। आज से लगभग एक सौ सत्तर वर्ष पूर्व जापान में यह विचार किया गया कि जापानी मेहनतकश परिश्रम के बावजूद यूरोप के देशों के कामगारों से कम धन कमा पाता है क्योंकि वह प्रशिक्षित नहीं है। अत: जापान में मजदूर, किसान वर्ग को शिक्षा के अवसर प्राप्त हुए।

भारत में ऐसा नहीं हुआ। आज गणतंत्र व्यवस्था के चुनाव लोकप्रिय प्रचार लहरों पर आधारित हैं। भारत के गरीब किसान और मजदूर को बेहतर प्रशिक्षण के अवसर ही नहीं मिले और इसके बावजूद वे अपनी दर्द तथा अन्याय सहने की क्षमता के कारण असमान जीवन संग्राम में डटे हैं। दीपांकर गुप्ता की किताब 'रिवोल्यूशन फ्राम अबव' में संकेत है कि श्रेष्ठि वर्ग अपने उद्योग के विकास के साथ देश के विकास के लिए आगे आएं क्योंकि दुनिया के अनेक गणतंत्र सफल केवल इसलिए हैं कि वहां के श्रेष्ठि वर्ग के पास भारत से बेहतर सामाजिक संवेदना थी और उन्होंने अपने अभिनव विचारों से डगमगाते गणतंत्र को थामा है। स्पेन के एक भाग का उदाहरण किताब में दिया है कि वहां के श्रेष्ठि वर्ग ने गरीब वर्ग को शिक्षा उपलब्ध कराई और बेहतर सेहत के लिए काम किया तो स्पेन को जो भाग अपराधी व आतंकवादियों का गढ़ था, आज स्याह बातों से मुक्त होकर समृद्ध इलाका हो गया है।

अंबानी परिवार और उसकी तरह अन्य श्रेष्ठि वर्ग के लोग देश के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। उन्हें यह स्मरण रखना चाहिए कि झोपड़पट्टी से निकले विषाक्त कीटाणु उनकी हवेलियों तक आ सकते हैं। अत: केवल एक स्वस्थ, शिक्षित एवं धर्मनिरपेक्ष देश ही उनकी भावी पीढिय़ों की प्रगति और रक्षा का एकमात्र संबल है। जरूरत दान देने की नहीं, बेहतर अवसर बनाने की है। अंबानी परिवार को गांधी के ग्राम विकास भारत के स्वस्थ अर्थतंत्र के सिद्धांत पढऩे चाहिए। विकास का आयातित मॉडल दोषपूर्ण है जो किसी काम का नहीं। बहरहाल, श्रीमती नीता अंबानी को बधाई और हमेशा नृत्य में सक्षम रहें, यह दुआ की जा सकती है।