संजीदा सनी देओल की हास्य फिल्म/ जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 27 फरवरी 2013
सनी देओल अपने तीन दशकों के कॅरिअर में पहली बार एक हास्य फिल्म करने जा रहे हैं। 'यमला पगला दीवाना' में उनकी भूमिका गंभीर व्यक्ति की थी। धर्मेंद्र ने अनेक हास्य भूमिकाएं उतनी ही सहजता से की हैं, जितनी कि वे रोमांटिक व एक्शन फिल्में करते रहे हैं। उन्होंने ऋषिकेश मुखर्जी की 'सत्यकाम' में गंभीर भूमिका की थी, तो 'चुपके-चुपके' में दर्शकों को खूब हंसाया था। सनी देओल की 'घायल', 'घातक' और 'दामिनी' में उन्होंने गंभीर और आहत आम आदमी की भूमिकाएं कीं, जिनमें एक के लिए उन्हें अभिनय का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। 'गदर' की सफलता ने उन्हें एक विशेष छवि दी, जो बाद की फिल्मों में अस्वीकृत कर दी गई। सनी देओल व्यक्तिगत जीवन में भी संजीदा और अनुशासित व्यक्ति हैं, जबकि राधिका राव की फिल्म 'आई लव न्यूयॉर्क' में उनकी भूमिका एक अव्यवस्थित व्यक्ति की हरकतों से उपजी हास्य परिस्थितियों पर केंद्रित है। कंगना रानावत नायिका हैं। दो अजनबी न्यूयॉर्क में नए वर्ष की पूर्व संध्या को मिलते हैं और उनकी जोड़ी धमाल मचा देती है। राधिका राव सलमान के साथ 'लकी' कर चुकी हैं, जिसकी पूरी शूटिंग मॉस्को में की गई थी। मॉस्को और न्यूयॉर्क के बाद राधिका लंदन, पेरिस, टोक्यो होते हुए शायद मुंबई लौटें। इस फिल्म के निर्माता टी. सीरीज के भूषण कुमार हैं।
शेक्सपीयर के नाटक 'कॉमेडी ऑफ एरर्स' से प्रेरित अनेक फिल्में बनी हैं और व्यक्ति की अनचाहे ही दी गई गलत पहचान के कारण गलतफहमी होती है। अब यह सिनेमा की 'स्टाक' परिस्थिति हो चुकी है। अनेक बार दोहराई गई आजमाई हुई कथा है, परंतु राधिका राव ने महज विचार वहां से लेकर एक नया ताना-बाना रचा है। शेक्सपीयर के नाटक उनके जमाने में मात्र रंगमंच पर मंचित करने के लिए लिखे गए थे और उनका साहित्य में अध्ययन किया जाना बहुत बाद में शुरू हुआ। समय के साथ यह इतना प्रखर हुआ कि शेक्सपीयर के नाटकों के एक-एक संवाद पर किताबें लिखी गईं। हॉलीवुड में शेक्सपीयर की काल्पनिक प्रेम-कथा पर ऑस्कर जीतने वाली फिल्म बनी।
गौरतलब यह है कि मनुष्य के सामान्य व्यवहार में समान बातों के अध्ययन के आधार पर हम किसी को संजीदा, किसी को हंसोड़, किसी को प्रेमल मान लेते हैं, जबकि एक ही मनुष्य में अनेक रंग छुपे होते हैं, इसीलिए जब कोई भीरु-सा व्यक्ति अचानक साहसी काम करता है या अपने जाने-पहचाने स्वभाव से बाहर आकर काम करता है तो हम उसे 'छुपा रुस्तम' कहकर संबोधित करते हैं। अनेक व्यक्तित्व अलसभोर होते हैं, उनमें संजीदगी का अंधेरा और हास्य का उजाला शामिल होता है। गोधूलि चरित्र भी ऐसे ही होते हैं और हम प्राय: चरित्र-चित्रण को रंगों के आधार पर बांटते हैं - स्याह, सफेद और धूसर। एक ही व्यक्ति का गोरा रंग, काला दिल और धूसर मस्तिष्क हो सकता है। सर्वविदित है कि लिओनार्डो दा विंची की 'लास्ट सपर' पेंटिंग में क्राइस्ट और जूडास के लिए एक ही व्यक्ति ने अपने जीवन के दो विभिन्न कालखंडों में मॉडलिंग की थी। दरअसल मनुष्य फॉर्मूला नहीं है, वह अपरिभाषेय है। चार्ली चैपलिन जैसे पूरी दुनिया को हंसाने वाले व्यक्ति ने कहा था कि उन्हें बरसात पसंद है, क्योंकि इसमें आंख से बहते आंसू दिखाई नहीं पड़ते। आंसू भी कहां परिभाषित होते हैं, आंख से बहने वाले आंसू नमक से होते हैं और उन्हें पी जाओ तो वे भीतर इस्पात बन जाते हैं। हास्य बसंत हो सकता है, परंतु आंसू पतझड़ नहीं हैं। कलाकारों के बारे में भी हमें भ्रम होते हैं, मसलन किंग ऑफ त्रासदी दिलीप कुमार ने 'आजाद', 'कोहिनूर' तथा 'राम और श्याम' में बहुत हंसाया। आक्रोश की छवि वाले अमिताभ बच्चन ने 'चुपके-चुपके', 'मिस्टर नटवरलाल', 'दो और दो पांच' में बहुत हंसाया और 'अमर अकबर एंथोनी' में कई शेड्स हैं। फिल्मकार भी अलग-अलग किस्म की फिल्में बनाते हैं। राज खोसला ने 'बंबई क बाबू', 'वह कौन थी', 'मेरा गांव मेरा देश' और 'मैं तुलसी तेरे आंगन की' जैसी विविध फिल्में रचीं। यहां तक कि वैष्णव स्वभाव वाले संजीदा बिमल राय ने 'देवदास' बनाई, तो 'परख' जैसी व्यंग्य फिल्म भी रची, जिसे आप संजीदा फिल्मकार की मुस्कान मान सकते हैं। सनी देओल ने प्रेम-कथा 'बेताब' से अपना कॅरिअर शुरू किया था, जिसके लेखन में शेक्सपीयर के ही 'टेमिंग ऑफ द श्रू' की प्रेरणा थी, जिस पर आधारित मेहबूब खान की 'आन', 'बेताब' के लेखक जावेद अख्तर देख चुके थे। आज सनी देओल शेक्सपीयर के 'कॉमेडी ऑफ एरर्स' से प्रेरित 'आई लव न्यूयॉर्क' में हास्य भूमिका कर रहे हैं। सनी देओल अच्छे अभिनेता हैं और वे हास्य भूमिका के साथ न्याय कर सकते हैं। सारा दारोमदार तो निर्देशक पर होता है। राधिका राव पहले एक प्रेम-कथा बना चुकी हैं। वे भी कुछ नया करने का प्रयास कर रही हैं। बहरहाल, सनी देओल विगत थोड़े-से समय में 'यमला पगला दीवाना' भाग-दो पूरी कर चुके हैं। अनिल शर्मा की फिल्म भी पूरी होने जा रही है और राधिका राव की फिल्म भी अंतिम चरण में है।