ईश्वर ने मुझ पत्थर को इस आश्चर्यजनक झील में फेंका। मैंने सतह पर अनगिनत घेरे बनाकर इसमें उथल-पुथल मचा दी।
लेकिन, जब तलहटी में पहुँचा, मैं बिल्कुल शांत हो गया।