सत्य शील अग्रवाल / परिचय
मैं, सत्य शील अग्रवाल, शास्त्री नगर, मेरठ, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं विज्ञान और इंजिनीरिंग का छात्र रहा हूँ, इंजिनीरिंग का कोर्स पूरा करने के बाद, तत्कालीन परिस्थितियों ने इलेक्ट्रोनिक्स के व्यापार की और उन्मुख कर दिया। जो २००७ तक मेरे और मेरे परिवार की जीविका का साधन बना रहा। पारिवारिक जिम्मेदारियों से निवृत होने के पश्चात्, लेखन कार्य में प्रवेश किया। देश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं ने मेरे लेखों को पर्याप्त स्थान दिया जाता रहा है। अल्प समय के लिए मुझे एक स्थानीय मासिक पत्रिका के संपादन का अवसर भी प्राप्त हुआ, परन्तु दुर्भाग्य से वैधानिक कारणों से मालिकों को पत्रिका का प्रकाशन बंद करना पड़ा। जागरण जंक्शन तथा ब्लॉग स्पॉट पर ब्लॉग के माध्यम से भी अपने विचार पाठकों के समक्ष रखता रहा हूँ।
मैं अपने जीवन में गाँधी दर्शन से प्रभावित रहा हूँ,और गाँधी जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास भी किया,प्रेमचंद के उपन्यासों ने मुझे देश की सामाजिक विकृतियों से परिचित कराया और समाज सुधारक रचनाओं को अपने लेखों का उद्देश्य बनाने के लिए प्रेरित किया। मैंने अपने शेष जीवन में सामाजिक समस्याओं का विश्लेषण, चिंतन और जन जागरण द्वारा समाज सेवा का बीड़ा उठाया।
मैंने दो पुस्तकों की रचना भी की है जिनमे, एक पुस्तक *बागड़ी बाबा और इन्सानियत का धर्म* के माध्यम से जनता के समक्ष समाज में व्याप्त कुरीतियों, विकृतियों की और पाठको का ध्यान खींचा है, और बताने का प्रयास किया है। किसी भी धर्म को अपनाने से भी अधिक महत्वपूर्ण है अपने व्यव्हार को सुधारना और इंसानियत को अपनाना।
दूसरी पुस्तक भारतीय बुजुर्गो की समस्याओं,आवश्यकताओं पर आधारित है, जो वृद्ध समाज से सम्बंधित सम्पूर्ण पुस्तक है।