सफाईपसंद / ख़लील जिब्रान / बलराम अग्रवाल

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देहरी पर रोककर मैंने अपने मेहमान को टोका, "नहीं, पैरों को आते समय मत पोंछो। इन्हें जाते हुए पोंछना।"