सलमान की नजर में शाहरुख और आमिर खान / जयप्रकाश चौकसे

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सलमान की नजर में शाहरुख और आमिर खान
प्रकाशन तिथि : 19 जुलाई 2014


सुबह सूर्य प्रार्थना का प्रारंभ इस तरह होता है कि हे सूर्य देवता मैं आपको नमन करता हूं आैर प्रतिदिन बेहतर इंसान बनने का प्रयास करूंगा, इसका वचन देता हूं। हम सचमुच में बेहतर इंसान होने का प्रयास नहीं करते आैर एक सफल तथा लोकप्रिय नेता, अभिनेता से इस तरह की उम्मीद भी नहीं करते क्योंकि उसके कवच के भीतर रोशनी जाने की गुंजाइश कम होती है। हाल ही में सलमान खान के एक साक्षात्कार ने चौंका दिया। उनकी साफगोई आैर अपने प्रतिद्वंद्वियों के प्रति उनके विचार संकेत हैं कि वे बेहतर इंसान होने की प्रक्रिया में संजीदगी से जुड़े हैं। अपने उद्योग के प्रति उसकी निष्ठा तथा अवाम के दर्द के प्रति उसकी संवेदनशीलता हमेशा ही उजागर रही है आैर वह कमोबेश आधुनिक हातिमताई की तरह व्यवहार करता रहा है। किस्सा हातिमताई कुछ यूं शुरू होता है कि जन्म के समय उसने दूध नहीं पिया आैर एक सूफी ने बादशाह को सलाह दी कि जब तक आप अपनी रियासत के तमाम बच्चों के लिए दूध उपलब्ध नहीं कराएंगे, हातिम दूध नहीं पीएगा आैर ऐसा ही हुआ तथा इसी हातिम के बारे में बाद में कहा गया कि उसने नेकी की आैर दरिया में डाल दी अर्थात किसी तरह के प्रतिदान की उसे आवश्यकता नहीं थी गोयाकि कर्म करो आैर फल की चिंता करो। सारे जुदा-जुदा धार्मिक उपदेश एक जगह पहुंचकर एक से हो जाते हैं परंतु उनका व्यवसाय करने वाले उन्हें एक दूसरे के विरोधी साबित करके अपनी दुकानदारी चलाते रहते हैं।

बहरहाल सलमान खान ने कहा कि कुछ चाटुखोर उनके पास आकर शाहरुख खान की बुराई करते हैं तो वह उनसे कहता है कि आप शाहरुख खान के पास जाकर उसे मूर्ख नहीं बना सकते आैर सलमान के पास उसे मूर्ख बनाकर अपना उल्लू सीधा करने के लिए आते हैं। शाहरुख ने बहुत बुद्धिमानी आैर मेहनत से अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित किया है। सलमान खान अनेक बार जानकर ठगे गए हैं क्योंकि उनका सोच सबसे निराला है आैर वे देखना चाहते है कि कौन किस हद तक उनका शोषण करना चाहता है। वे जानते हैं कि उनका आैर शाहरुख का नजरिया अलग-अलग है आैर काम करने का ढंग भी अलहदा है परंतु शाहरुख अपनी परिस्थितियों में सौ प्रतिशत सही है। सलमान खान ने जीवन की नदी में अपनी एक लहर खोजी है आैर वे उसी के साथ बहते हैं। उनके मन में यह ख्याल ही नहीं आता कि उन्हें किसी को कुछ सिद्ध करके दिखाना है या किसी बात का यकीन दिलाना है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शाहरुख ने बहुत संघर्ष किया है, अपने माता पिता को खोया है, अत: उसका जीवन का दृष्टिकोण उसके अनुभव से बना है आैर दूसरी आेर सलमान खान को लंबा संघर्ष नहीं करना पड़ा तथा उसके माता-पिता, भाई-बहन हमेशा उसकी ताकत रहे हैं, वह भरे-पूरे सफल परिवार की संतान है। वह कभी अपने माता-पिता के सामने रोया नहीं परंतु जब भी वह अकेले में रोया है, जाने कैसे उसके गुप्त ढंग से तनहाई में बहाये आंसुओं की नमी उसके माता-पिता ने महसूस कर ली है- परिवार में अदृश्य सेतु होते हैं। निदा फाजली का शेर है, "मैं रोया परदेश में भीगा मां का प्यार, दिल ने दिल से बात की बिन चिट्ठी बिन तार।'

आमिर खान के बारे में सलमान खान ने बताया कि दोनों के कॅरिअर के प्रारंभिक दौर में 'अंदाज अपना अपना' में आमिर के दो सोलो सीन बहुत अच्छे शूट हुए थे परंतु संपादन के टेबल पर उसने उन्हें यह सोचकर काटे कि उनकी वजह से उसकी भूमिका सलमान से बेहतर हो रही है आैर यह दो नायक फिल्म में नहीं होना चाहिए। सलमान खान का कहना है कि अगर आप दिल से बात करें तो आमिर दिल से जवाब देता है आैर अगर आप अपनी बुद्धि से उससे मिलेंगे तो वह बुद्धि से पेश आएगा। सलमान खान से उसका रिश्ता दिल का है। इसी तरह अक्षय कुमार के बारे में सलमान खान का कहना है वह एक साल में अनेक फिल्म करता है आैर अनेक निर्देशकों के साथ काम करता है जिसके कारण उद्योग में बहुत सा धन चलन में रहता है आैर इस रोटेशन से अनेक तकनीशियनों को काम मिलता है। सलमान खान का यह नया रूप सामने आया है आैर यह महज 'किक' प्रदर्शन के पूर्व प्रचार का हिस्सा नहीं है। वह हमेशा मनमौजी रहा है परंतु अब इस खिलंदड़पन के साथ दूसरों के दृष्टिकोण को समाहित करने की ताब उसमें गई है। इंसान लगातार बदलता है आैर अन्य लोगों के परिवर्तन के साथ सामंजस्य जरूरी है। इतना सब जाहिर होने के बाद भी सलमान खान एक पहेली बना रहता है क्योंकि किसी भी दरवेश से यह नहीं पूछा जा सकता कि वह किस सराय में कितना वक्त बिताएगा।