सलमान खान, भंसाली और सूरज / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 02 मार्च 2019
संजय लीला भंसाली, सलमान खान और प्रियंका चोपड़ा अभिनीत फिल्म बनाने की तैयारी लगभग पूरी कर चुके हैं। खबर यह भी है कि सूरज बड़जात्या भी सलमान खान को पटकथा सुनाने वाले हैं। संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित पहली फिल्म 'खामोशी' के असफल हो जाने के बाद सलमान खान ने उनकी सहायता की और पूंजी निवेशक जामू सुगंध को भी आश्वासन दिया। इस तरह 'हम दिल दे चुके सनम' का निर्माण हुआ। इसी फिल्म की शूटिंग के समय ऐश्वर्या राय और सलमान खान के बीच एक मधुर रिश्ता पनपा था। फिल्म में पतंगबाजी और इश्क के दांव-पेंच भी थे। फिल्म के निर्माण के समय ही भंसाली ने 'देवदास' बनाने पर भी सलमान खान से चर्चा की थी परंतु उन्होंने इसे सुविधाजनक ढंग से भुलाकर 'देवदास' शाहरुख खान के साथ बनाई, क्योंकि उस समय शाहरुख अभिनीत फिल्म में अधिक मुनाफा था। उन्होंने अपनी 'पारो' कायम रखी। 'हम दिल दे चुके सनम' के शराबनोशी के एक दृश्य में अजय देवगन ने अत्यंत प्रभावोत्पादक अभिनय किया था और 'देवदास' उनके साथ भी बनाई जा सकती थी। ज्ञातव्य है कि संजय लीला भंसाली के पिता भी फिल्मकार थे और एक फिल्म में घाटा होने पर उन्होंने शराबनोशी जमकर की। यहां तक कि उनकी पत्नी ने ही घर चलाया और संजय को भी पाला-पोसा। इसलिए वे अपने नाम के साथ माता लीला का नाम जोड़ते हैं। प्राय: लोग अपने साथ पिता का नाम जोड़ते हैं।
बहरहाल, संजय लीला भंसाली अब अपने पहले समर्थक सलमान खान के पास पहुंचे हैं, क्योंकि आज सलमान खान सबसे अधिक लोकप्रिय हैं और शाहरुख खान के बॉक्स ऑफिस सितारे 'जीरो' के आसपास कहीं हैं। यह सारा कारोबार है और बॉक्स ऑफिस पर बरसने वाला धन ही निर्णायक शक्ति है।
फिल्म उद्योग में रिश्तों के समीकरण हर शुक्रवार को बदल जाते हैं। दोस्ती और दुश्मनी दोनों अस्थायी है। राजनीति में भी दोस्ती-दुश्मनी बदलती रहती है। सारा व्यवहार सुविधा और लाभ पर आधारित है। दीपिका पादुकोण केंद्रित फिल्म 'राम-लीला' में प्रियंका चोपड़ा ने छोटी-सी भूमिका स्वीकार करके फिल्मकार को अनुग्रहित किया था। उसी हिसाब को चुकता करने के लिए प्रियंका चोपड़ा को लिया गया है परंतु सलमान खान प्रियंका से खफा है, क्योंकि उन्होंने 'भारत' में काम करना स्वीकार किया था परंतु शूटिंग के चंद दिन पहले ही अपनी असमर्थता जताई, क्योंकि उन्हें किसी अमेरिकन सीरियल में काम पूरा करना था। सूरज बड़जात्या और सलमान खान के रिश्ते मजबूत हैं। दोनों की पहली फिल्म 'मैंने प्यार किया' अत्यंत सफल रही थी। इस फिल्म के बाद सूरज ने अपने दादा ताराचंद बड़जात्या की पुरानी फिल्मों के नए संस्करण बनाना प्रारंभ कर दिया, जबकि उनकी पहली फिल्म की रीमेक नहीं थी। इस बार सूरज कोई रीमेक नहीं कर रहे हैं, क्योंकि संभवत: उन्हें लगा हो कि सब कुछ नया करना है या संभवत: रीमेक का स्टॉक खत्म हो गया हो।
सलमान खान की फिल्म 'भारत' अब ईद पर प्रदर्शन के लिए तैयार की जा रही है। वे अपने भाई अरबाज की 'दबंग' की अगली कड़ी करने के लिए तत्पर हैं। अगर सलमान खान को भंसाली और सूरज बड़जात्या में से किसी एक की फिल्म करने की स्थिति बने तो वह यकीनन सूरज की फिल्म करेंगे। सूरज बड़जात्या की फिल्मों का विषय हमेशा परिवार ही रहा है। वे स्वयं भी एक बड़े संयुक्त परिवार के सदस्य हैं। हर फिल्मकार अपने परिवार की परम्पराओं से बंधा होता है। आम आदमी अपने परिवार के हित को ही प्राथमिकता देता है। भ्रष्टाचार की समस्या भी परिवार ही सुलझा सकता है। अगर परिवार के सदस्य ही अपने परिवार के सदस्य द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का विरोध करें और उस धन का उपयोग करने से ही इनकार कर दें तो निदान संभव हो सकता है। दरअसल, भ्रष्टाचार मुद्दा है जिस पर से देश की रक्षा से जुड़ी बातों के कारण ध्यान हट गया था। अब तमाम राजनीतिक दल आम चुनाव पर अपनी पूरी शक्ति लगाएंगे।