साइकल: प्रदूषित विश्व में हीरो / जयप्रकाश चौकसे

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साइकल: प्रदूषित विश्व में हीरो
प्रकाशन तिथि : 06 सितम्बर 2019


विश्व में पेट्रोल की कमी है या और कुछ ही दशकों में यह कहीं भी उपलब्ध नहीं होगा। अमेरिका की सरकार ने अलास्का के हिमखंड के नीचे बने तलघरों में पेट्रोल बचा कर रखा है। अतः अमेरिका में पेट्रोल का स्टॉक सबसे बाद में खत्म होगा। दूसरी भयावह समस्या प्रदूषित वायु की है। पृथ्वी के खनिज भंडार को बड़ी बेदर्दी से लूटा गया है। इस विषय पर एक किताब का नाम है 'द अर्थ बी प्लंडर्ड'। यूरोप के कुछ देशों ने वर्षों पूर्व इन खतरों का अनुमान लगाकर अपने नागरिकों को साइकल के इस्तेमाल का परामर्श दिया था। यूरोप के देशों में सार्वजनिक स्थानों पर साइकल को रखने के लिए अधिक स्थान आरक्षित किया है और कार पार्किंग सीमित स्थान पर सिमट गया है। इसी कारण कारों और दोपहिया वाहनों के कारखानों में निर्माण लगभग रोक दिया गया है और बेरोजगारों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। व्यवस्था संचालन का सफल प्रयोग यह है कि वास्तविक समस्याओं का निराकरण नहीं करते हुए कुछ भ्रामक नारों में अवाम को उलझाए रखा जाए। दरअसल अवाम को भी नारे लगाना, नारे ओढ़ना, नारे बिछाना और उन पर चैन की नींद लेते रहने में ही जीवन की सार्थकता नजर आ रही है। एक दौर में यह माना जाता था कि भारत में सबसे अधिक साइकल का इस्तेमाल पूना और इंदौर में किया जाता है। महिलाओं के लिए बनाई गई साइकल में बीच का डंडा नहीं रखा जाता था, क्योंकि उस दौर की महिलाएं साड़ी पहनती थीं। सलवार कमीज को पहनने वाले दौर में महिला साइकल अनावश्यक हो गई। अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर अभिनीत फिल्म 'टॉयलेट एक प्रेम कथा' में इसी तथ्य को रेखांकित किया गया है।

ऋषिकेश मुखर्जी की राज कपूर और नूतन अभिनीत फिल्म 'अनाड़ी' में नायक नायिका की पहली मुलाकात एक साइकल भिड़ंत के कारण होती है। उस समय प्रयुक्त गीत था- 'मन के पंछी गाए प्यार का तराना'। साइकल द्वारा डबल सवारी भी की जाती थी। उस दौर में साइकल में घंटी लगाना आवश्यक कर दिया गया था ताकि बरसात की रिमझिम में जब सड़कों पर अंधकार रहता है और घंटी बजाने से लोगों को आ रहे वाहन का अनुमान हो सके। साधुओं को भी हाथी के गले में घंटाल लगाना अनिवार्य था। इस तरह ध्वनि आवागमन में सहायता करती है। कारों में लगाए गए हार्न कर्कश होते हैं जबकि साइकल में लगी घंटी में कुछ माधुर्य होता है। मनोज कुमार की फिल्म 'शोर' में नायक तीन दिन तक साइकल चलाकर ईनाम की राशि जीतता है और उस धन से अपने पुत्र का इलाज कराता है। उसके पुत्र को कान की कोई बीमारी रहती है। इसलिए वह सुन नहीं पाता। शल्य क्रिया के बाद पुत्र सुन पाता है परंतु इस बीच पिता गूंगा हो गया है और बोल नहीं पाता है। इस तरह के अंत ओ हेनरी की सभी कहानियों की विशेषता माने जाते हैं। ओ हेनरी की श्रेष्ठतम कथा 'द गिफ्ट ऑफ द मैगी' में क्रिसमस पर अपने पति को उपहार देने के लिए पत्नी अपने गहरे सुनहरे बाल कटवा देती है और हाथ घड़ी के लिए चैन खरीदती है। इस बात से अनभिज्ञ पति अपने पिता द्वारा दी गई हाथ घड़ी को बेचकर पत्नी के बालों के लिए हाथी दांत का कंघा खरीद कर लाता है।

विश्व सिनेमा की अजर अमर फिल्म विटोरियो डी सिका की 'बाइसकल थीव्स' (1948) मानी जाती है। दूसरे विश्व युद्ध के समय शहर की दीवारों पर पोस्टर लगाने का काम उसी व्यक्ति को दिया जाता है जिसके पास अपनी साइकल हो। इस कदर बेरोजगारी थी कि किसी भी तरह का काम मिल जाना जीवनयापन का साधन बन जाता था। इसलिए साइकल की चोरी भी होती है। विश्व सिनेमा में नव यथार्थवाद प्रस्तुत करने वाली यह पहली फिल्म थी। इस फिल्म से प्रेरणा लेकर बिमल रॉय ने 'दो बीघा जमीन' और राज कपूर ने 'बूट पॉलिश' का निर्माण किया। जिया सरहदी ने बलराज अभिनीत 'गर्म कोट' का निर्माण किया। भारत में साइकल विदेश से आयात की जाती रहीं। पंजाब के मुंजाल परिवार ने 'हीरो' साइकल का निर्माण किया। साइकल निर्माण के उनके पांच कारखाने हैं- एक में फ्रेम बनती है, दूसरे में पहिए, तीसरे में चेन, चौथे में एसेसरीज तथा पांचवें में विभिन्न भागों की असेंबलिंग होती है। सलमान खान बांद्रा से अपने पनवेल फार्महाउस की 70 किमी की यात्रा प्राय: साइकल पर ही करते हैं। साइकल चलाने को प्रेरित किया जाना चाहिए। इससे सेहत बनती है और पर्यावरण की रक्षा होती है। इंदौर में साइकल प्रेमियों का क्लब है, वे इंदौर से भोपाल की यात्रा साइकिल पर कर चुके हैं।