सिंड्रेला कटरीना और किस्सागो रणबीर / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि :23 जनवरी 2016
एक तरफ रणबीर कपूर और कटरीना कैफ के अलगाव के चर्चे हैं तो दूसरी तरफ दोनों के एक मोटर साइकिल पर सवार होकर सारी रात मुंबई की स़ड़कों पर सैर-सपाटे के चित्र भी प्रकाशित हुए हैं। दो प्रेमियों के बीच प्रेम या अलगाव इतना निजी और गोपनीय मामला है कि पूरा प्रकरण कभी सामने ही नहीं आ पाता। राज कपूर की 'संगम' में शैलेंद्र के गीत की कुछ पंक्तियां इस तरह हैं, 'प्यार की दुनिया में दो दिल मुश्किल से समा पाते हैं, यहां गैर तो क्या अपनों तक के साये भी न आ पाते हैं, ये धरती है इंसानों की, कुछ और नहीं इंसान है हम, ओ मेरे सनम, एक दिल के दो अरमान हैं हम।' सारा झमेेला इसी बात का है कि हम सारे समय हम देवता और दानव की किवदंतियों में उलझे रहते हैं और इंसान नजरअंदाज हो जाता है। इस प्रयोजन के लिए कितने आवरण, कितने परदे हमने रचे हैं।
खबर है कि रणबीर व कटरीना ने दो वर्ष पूर्व सजाया अपना 'घोंसला' छोड़ दिया है, जिसका अर्थ अलगाव हो सकता है और यह भी हो सकता है कि कटरीना रणबीर की पत्नी बनकर ऋषि कपूर और नीतू के पाली हिल स्थित 'कृष्णाराज' बंगले में प्रवेश करेंगी। बिना विवाह के साथ रहने के 'लिव इन' रिश्ते की एक परिणति यह भी संभव है कि मेहंदी रचे हल्दी से सने तलवे लिए दुल्हन पति की दहलीज पर अनाज का बर्तन उलटे और उसके हल्दी लगे तलवों के निशान घर आंगन में छा जाएं।
प्राय: प्रेम कहानियों को कैरम बोर्ड से समझा जा सकता है। रणबीर की गोट दीपिका की रीप से टकराकर लौटते समय कटरीना कैफ की सलमान की रीप से टकराकर लौटने वाली गोट से टकरा गई और प्यार हो गया। इस खेल का संगमरमरी स्ट्राइकर कामदेव है। दो असफल प्रेम प्रकरणों के खोखलेपन और अवसाद के कारण स्तंभित-सा दिल गुलमोहर की तरह पनपता है। दुष्यंत कुमार की पंक्तियां हैं- 'जिएं तो गुलमोहर के लिए और मरे तो गुलमोहर तले।'
इन दोनों की पारिवारिक पृष्ठभूमियां कितनी अलग हैं। कटरीना कैफ एक विभाजित परिवार की संतान है, जिसके खूबसूरत कंधों पर बड़े परिवार की जवाबदारी आई और उसे एक अजूबे की आवश्यकता थी। वह भारत आ गई, जहां अजूबे प्राय: घटित हो जाते हैं, क्योंकि यहां तर्क प्राय: घुटने टेकता रहता है। बिना हिंदुस्तानी और नृत्य कला जाने वह भारत आई जहां 'बूम' नामक एक निहायत ही घटिया फिल्म में उसे छोटी-सी भूमिका मिली। फिर जाने कैसे वो हमारे हातिमताई सलमान खान से टकराई, जो सुनी रातों में अवसर के लिए तरसते लोगों से टकराने में महारत रखते हैं। इस सखा हातिमताई को खुदाई खिदमतगार बनने का जुनून है। उसने हिंदुस्तानी भाषा और नृत्य सिखाने के लिए शिक्षकों का इंतजाम किया और उसके साथ दो फिल्में भी अभिनीत की। कैटरिना के मन में शुकराना था और सखा हातिमताई का यकीन था 'नेकी कर और दरिया में डाल।'यह दरिया रणबीर कपूर के रूप में बांहें फैलाए खड़ा था। दोनों ने प्रकाश झा की 'राजनीति' और राज कुमार संतोषी की 'अजब प्रेम की गज़ब कहानी' अभिनीत की और प्रेम नामक अजूबा घट गया। प्रेमी भारतीय फिल्म उद्योग के प्रथम परिवार का युवा राजकुमार था और प्रेमिका सिंड्रेला थी। गरीबी की मारी सिंड्रेला सोने का जादुई जूता पहने राजकुमार के साथ नृत्य कर रही थी परंतु उसे रात बारह के पहले घर पहुंचना था और इस हड़बड़ी में उसका एक जूता पीछे छूट गया, जिसके सहारे राजकुमार ने अपनी सिंड्रेला को खोज लिया। सब परीकथाओं का अंत सुखद होता है परंतु जीवन परीकथा से अलग होता है। इसमें पंखहीन परियां होती हैं और राजकुमार बिना मांजे की पतंग होता है और दोनों आकाश में मिलते हैं, पेंच लगता है और यथार्थ की चुंबकीय ताकत उन्हें धरती पर ला पटकती है।
इस कथा की सिंड्रेला अपनी तरबीयत और हालात के कारण यथार्थवादी है, वह इसी धरती की इंसान है और पैदाइशी खानदानी प्रेमल हृदय राजकुमार खिलंदड़ किस्सा गो है, जो कहानियां रचता भी है, जीता भी है। क्या पता यह 'अलगाव' उसका रचा अफसाना है। ये जानने के लिए कि इससे कितने लोग खुश हैं और कितने खफा है। कहीं खुशी, कहीं गम।