सितारों के जन्मदिन का महीना / जयप्रकाश चौकसे

Gadya Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
सितारों के जन्मदिन का महीना
प्रकाशन तिथि : 27 दिसम्बर 2013


दिसबंर माह में सबसे अधिक सितारे जन्मे हैं। दिलीप कुमार, राजकपूर, धर्मेंद,्र शत्रुघन सिन्हा, राजेश खन्ना, सोहेल खान, सलमान खान, अनिल कपूर, जैकी भगनानी। इस जन्म दिन पर अनिल कपूर अत्यंत प्रसन्न हैं, उनका सीरियल '24' खूब सराहा गया और उनकी बेटी सोनम कपूर को भी दो सफल फिल्मों में काम करने का अवसर मिला- रांझना और 'भाग मिल्खा भाग'। उनकी छोटी पुत्री रिया अपनी दूसरी फिल्म 'खूबसूरत' बना रही है, पुत्र हर्षवर्धन मेहरा की फिल्म में प्रस्तुत हो रहे हैं। अनिल कपूर को गर्व है कि छप्पन वर्ष की वय में वे युवा सितारों की तरह फिट हैं और नियमित कसरत करते हैं। उम्र के दौर में व्यस्त होते हुए भी अनिल कपूर अपने परिवार के लिए खूब वक्त निकाल पा रहे हैं जैसा कि वे युवा वय में नहीं कर पाए।

ज्ञातव्य है कि 'स्लमडॉग मिलियनेअर' में खलनायक नुमा एंकर की भूमिका उन्होंने अपने बच्चों के आग्रह पर स्वीकार की और उस एक निर्णय ने उनके लिए अनेक द्वार खोल दिए। उसी कारण उन्हें अंग्रेजी में बनने वाली '24' में एक छोटी भूमिका मिली जिसकी शूटिंग के दरमियान ही उसे हिन्दी में बनाने के अधिकार प्राप्त हुए और 'मिशन इम्पासिबल' में भी संक्षिप्त भूमिका मिली। महत्वपूर्ण बात यह है कि अब हॉलीवुड में उन्होंने अनेक संपर्क बना लिए हैं जिसका लाभ उनके परिवार को मिल सकता है।

अंग्रेजी में बनी '24' का भारतीयकरण अत्यंत चतुराई से किया गया है। इसमें राजनीति से जुड़े एक परिवार की कथा उसे समसामयिक बनाती है। कथा का नायक तो गुप्तचर विभाग का मुखिया है परन्तु सीरियल के केंद्र में युवा प्रधानमंत्री के कत्ल के लिए बनाया गया षड्यंत्र हैं जिसमें एक प्रयास असफल होने पर दूसरा और फिर तीसरे की भी व्यवस्था की गई है। परिवार के दो सदस्य षड्यंत्र करने वालों से मिले हैं और अंत में वह नाम उजागर होता है जिसने षड्यंत्र का सूत्रपात किया था। वह नायक की अपनी सगी बहन है जिसे उसके पिता ने हमेशा राजनीति के लिए तैयार किया था परन्तु उनकी हत्या के बाद मां पुत्र को आगे करती है क्योंकि इस देश में वंश पुत्र से आगे बढऩे की सामंतवादी मान्यता है। अत: एक अपरोक्ष परिणाम पर हम पहुंच सकते हैं कि इटली में जन्म के बावजूद सोनिया गांधी पूरी तरह से भारतीय हैं कि उन्होंने प्रियंका के बदले राहुल को आगे किया। जबकि प्रियंका के व्यक्तित्व में उनकी दादी इंदिरा गांधी की झलक का राजनैतिक लाभ में उन्हें मिल सकता था। सोनिया गांधी के द्वारा अवसर होने पर सत्ता नकारना भी उन्हें गांधी से जोड़ता है।

बहरहाल इस सीरियल ने टेलीविजन की दुनिया में एक नया स्थान प्राप्त किया है। अन्य सीरियलों की तरह इसमें कथा के रबर को टूटने की हद तक नहीं खींचा गया है। अनिल कपूर के जीवन का श्रेष्ठ अभिनय इसमें रहा है। यह पात्र परिवार के प्रति दायित्व और राष्ट्र के प्रति दायित्व के पाटों के बीच पिसता है परन्तु वह राष्ट्र सेवा को ही प्राथमिकता देता है। मनोरंजन जगत हमेशा समसामयिक बने रहने का प्रयास करता है। इस समय टेलीविजन पर एक और सीरियल का मुख्य पात्र भी युवा प्रधानमंत्री पद का दावेदार है। निर्माता वासु भगनानी अपने पुत्र जैकी भगनानी के साथ 'यंगिस्तान' नामक फिल्म बना रहे हैं जिसकी शूटिंग का अंतिम दौर इस समय इंदौर में चल रहा है और 28 मार्च 2014 को फिल्म का प्रदर्शन होगा।

ज्ञातव्य है कि वासु भगनानी अनेक सफल फिल्मों के निर्माता हैं। इसका नायक भी युवा प्रधानमंत्री पद का दावेदार है और पिता की मृत्यु के कारण राजनीति में आया है। उसके विश्वास भी अरविंद केजरीवाल द्वारा घोषित नीतियों की तरह हैं कि भ्रष्टाचार मुक्त आम जनता को लाभ पहुंचाने वाली सरकार होना चाहिए। फिल्म में एक प्रेम-कथा भी है परन्तु नायक इसे छुपाता नहीं है, वह सगर्व अपने सच्चे रूप में ही सामने आता है। इस समय भारत की 42 प्रतिशत आबादी युवा वर्ग की है, अत: टाइटिल आकर्षक है। निर्माता वासू भगनानी की अपने पुत्र के साथ यह पांचवीं फिल्म हैं और उनकी इच्छा है कि उनका पुत्र इतना सफल हो कि लोग कहें कि वासु जैकी का पिता है जैसे पृथ्वीराज को लोग राजकपूर के पिता के रूप में पहचानने लगे थे।