सुलतान बनाम रईस बनाम द अवेंजर्स / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि :27 जून 2015
अभी रमजान का महीना चल रहा है और ईद संभवत: 17 जुलाई को होगी। विगत कुछ वर्षों की तरह ईद पर सलमान खान की कबीर द्वारा निर्देशित 'बजरंगी भाईजान' का प्रदर्शन हो रहा है परंतु मीडिया हड़कम्प मचा रहा है कि 2016 की ईद पर आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्मित सलमान खान अभिनीत 'सुलतान' और शाहरुख खान तथा फरहान अख्तर अभिनीत 'रईस' दोनों का प्रदर्शन होगा गोयाकि दो भव्य फिल्में एक दूसरा का लगभग तीस प्रतिशत व्यवसाय खा जाएंगी। 'रईस' निर्माणाधीन है और खबर हैं कि गुजरात में अवैध शराब के दो व्यापारियों की परस्पर दोस्ती-दुश्मनी की कहानी है। गुजरात में गांधी के नाम पर नशाबंदी है, जिसके कारण कई गैंग वॉर हुए हैं और हजारों जानी गई हैं। गांधीजी को शराब से उतनी नफरत नहीं थी, जितनी हिंसा से थी।
बहरहाल, मोदी विजय के बाद के गुजरात में कोई भी व्यक्ति जो गुजरात के बाहर से है, शराब पी सकता है, उसे अपना ड्राइविंग लाइसेंस या अन्य प्रमाण-पत्र दिखाना होता है। अनेक गुजरात वासियों के पास मुंबई और गुजरात के दो ड्राइविंग लायसेंस हैं और नकली प्रमाण-पत्रों का अंबार लगा है। पांच सितारा हॉटल में ठहरने वाले से तो कोई प्रमाण-पत्र मांगा ही नहीं जाता। साथ ही भूतपूर्व फौजी को भी परमिट पर उसके कैंटीन से शराब मिलती है। गुजरात से सटे मध्यप्रदेश के कुछ शहरों के शराब के ठेके अकल्पनीय दामों में बिकते हैं और लाभ केवल इसलिए है कि प्रतिदिन कई टूक शराब गुजरात पहुंचती है। पतली गली से नशाबंदी नियमों की धज्जी उड़ जाती है। यह सरकार की शैली है कि राजमार्ग निर्जन नियमों से अवरूद्ध कर दो और पतली गली से सब कुछ करो। गुजरात ही 'मैत्री करार' को संभव करने वाला पहला राज्य था। बहरहाल, बुराई किसी प्रांत विशेष की नहीं अखिल भारतीय व्यवस्था ही छिद्रों से भरी है। दुनिया के सभी देशों ने कुछ समय के लिए शराब बंदी की है परंतु असफल होने के कारण नीति बदल दी गई है। मनुष्य का स्वभाव ही हर किस्म की बंदी के खिलाफ है। कुछ लोग खुशी में पीते हैं, कुछ गम गलत करने को पीते हैं। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आज गालिब होते तो कट्टरपंथी उनको जीने नहीं देते? उनके ही एक शेर का इस्तेमाल हीरानी ने 'पीके' के दृश्य में किया है जब चर्च से लौटकर नायक दो बोतलें लेकर मस्जिद की ओर बढ़ रहा है। हाल ही में मुंबई में जहरीली शराब पीने से सौ से अधिक लोग मर गए। मिथाइल अल्कोहल और ईथाइल अल्कोहल एक जैसे दिखते हैं, गंध भी समान है परंतु मिथाइल अल्कोहल का उपयोग कर शराब बनाने से पीने वाले अंधे हो जाते हैं या मर जाते हैं। दशकों पूर्व इंदौर में भी ऐसी दुर्घटना घटी थी।
बहरहाल, 'सुलतान' की कहानी के बारे में कोई जानकारी नहीं है परंतु आदित्य चोपड़ा उच्च स्तर की व्यावसायिक फिल्म ही बनाएगा। अभी सलमान खान 'बजरंगी' पूरी करके सूरज बड़जात्या की शूटिंग कर रहे हैं, जो 2016 की दीपावली पर लगने वाली है। वर्षों तक शाहरुख अभिनीत फिल्में दीवाली पर लगती रहीं हैं और आमिर खान की फिल्में क्रिसमस पर लगती रही हैं। सलमान खान सूरज की फिल्म की शूटिंग सितंबर तक पूरी करके 'सुलतान' करने जा रहे हैं। एक महत्वपूर्ण तथ्य की मीडिया अनदेखी कर रहा है कि आदित्य चोपड़ा का कहना शाहरुख टाल ही नहीं सकते। वे दोनों गहरे मित्र हैं। शाहरुख की लोकप्रियता में आदित्य का बहुत योगदान है। अत: यह तय है कि 'सुलतान' बनाम 'रईस' एक कपोलकल्पित युद्ध है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पास 24 घंटे हैं और खबरें अधिक नहीं है, अत: इस तरह वे चाय की प्याली में तूफान लाते रहते हैं। सलीम और जावेद भी अपने बेटों की भिड़ंत नहीं चाहते। गौरतलब यह है कि 'सुलतान' और 'रईस हिंदुस्तानी' है। अमेरिकी फिल्म उद्योग ईद पर क्या 'फास्ट एंड फ्यूरियस' या 'द अवेंजर्स' या इसी तरह का कोई टेक्नोलॉजी जनित मसाला ईद पर ला रहा है? दु:ख है कि भारतीय उद्योग और भारतीय सरकार हॉलीवुड द्वारा भारत के मनोरंजन जगत को हड़पने की साजिश कर रहे हैं और हमारी तो फितरत ही रही है कि हम विदेशी मेहमान का स्वागत करते रहे है। तोरण-द्वार लगाइए, दरवाजों को फूलों से सजाइए, आरती की तैयारी रखें क्योंकि अमेरिकन शिक्षण प्रणाली पहले ही प्रवेश कर चुकी है, अत: युवा वर्ग को अमेरिकन मसाला फिल्में पंद है।