सुविधा का सिद्धांत / सपना मांगलिक
Gadya Kosh से
अ और ब दोनों पति-पत्नी आये दिन झगड़ते रहते थे। विवाह को लगभग दस वर्ष हो चले थे और दोनों के बीच बातचीत कम होती जा रही थी, नीरसता और दूरी बढती जा रही थी। सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं का अहसास उन्हें कचोटता रहता। अ को मनोविज्ञान की अच्छी जानकारी थी उसने मनोविज्ञान का 'सुविधा का सिद्धांत' कहीं पढ़ रखा था। इस सिद्धांत के बारे में सोचते ही उसकी आँखों में चमक आ गयी। अब अ घर में भी बहुत खुश रहने लगा था। न जाने कैसे यह स्त्रियाँ पुरुषों के मनोभाव ताड़ लेती हैं? ब को मनोविज्ञान की रत्ती भर समझ नहीं थी फिर भी उसने अ से सुबिधा का सिद्धांत सीख लिया। अब ब भी घर में खुश रहने लगी। आज अ और ब दोनों अपनी महानगरीय जीवन शैली में खुश हैं।