सूरज पालीवाल / परिचय

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प्रो. सूरज पालीवाल (असमिया: অধ্যাপক সূৰজ পালীৱাল)(अंग्रेजी: Prof. Suraj Paliwal) प्रसिद्ध आलोचक, संपादक एवं शिक्षाविद हैं। आपकी दो कहानी संग्रह, दस आलोचना ग्रंथ और हिंदी की जानी-मानी पत्रिकाओं में 90 से अधिक आलेख प्रकाशित हैं। आप ने ३० वर्ष की अकादमिक जीवन में कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित एवं संयोजित की हैं। संप्रति आप साहित्य विद्यापीठ, महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता के पद पर कार्यरत हैं।

पुरस्कार

  • डॉ. अंबेडकर फैलोशिप, 1998
  • प्रेमचंद पुरस्कार, 1999
  • पंजाब कला एवं साहित्य अकादमी सम्मान, 2001
  • डॉ. राम विलास शर्मा आलोचना सम्मान, 2009

संपादन

  • वर्तमान साहित्य
  • इरावती
  • परिसर

प्रकाशित कृतियाँ

कहानी संग्रह

  • टीका प्रधान
  • जंगल

आलोचना:

  • रचना का सामाजिक आधार, साहित्यागार, जयपुर,1990
  • फणीश्वरनाथ रेणु का कथा-संसार, कुसुमांजलि प्रकाशन,जोधपुर,1991
  • संवाद की तह में, रचना प्रकाशन, जयपुर, 1996,
  • आलोचना के प्रसंग, राजस्थानी ग्रंथागार, जोधपुर , 2001
  • मैला आंचल: एक विमर्श, अभिव्यक्ति प्रकाशन, इलाहाबाद, 2002
  • साहित्य और इतिहास दृष्टि, राजस्थानी ग्रंथागार,जोधपुर, 2002
  • महाभोज का महत्व, सुमित प्रकाशन, इलाहाबाद, 2003
  • समकालीन हिंदी उपन्यास, हरियाणा साहित्य अकादमी, पंचकूला, 2004
  • हिंदी में भूमंडलीकरण का प्रभाव और प्रतिरोध, शिल्पायन, दिल्ली, 2008
  • इक्कीसवीं सदी का पहला दशक और हिंदी कहानी

अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी

  • भक्तिकाल: समय, समाज और मीरा, राजस्थानी विभाग जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर, 4-7 जन., 01
  • भूमंडलीकरण के दौर में हिंदी, चौ.चरण सिंह, वि.वि.मेरठ, 12-14 फरवरी, 2010
  • उभरते हुये नये आर्थिक परिदृश्य में उच्च शिक्षा की चुनौतियां, 04-06 नवम्बर, 2010 पीकिंग विश्वविद्यालय, चीन

निदेशन

  • साहित्य और इतिहास-दृष्टि, राष्ट्रीय संगोष्ठी, 1-2 दिस., 2001
  • शिक्षा की सामाजिक भूमिका, राष्ट्रीय संगोष्ठी, 21-22 जून, 2010
  • कथा-समय-2010, अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी, 29-31 जन, 2010
  • दलित आत्मकथाएं, 19-20 फरवरी, 2011

सन्दर्भ