सोच की सीमा / ख़लील जिब्रान / बलराम अग्रवाल
Gadya Kosh से
एक मछली ने दूसरी से कहा, "हमारे समंदर से अलग एक अन्य समंदर भी है। बहुत-से जीव उसमें रहते हैं। वे वैसे ही उसमें रहते हैं, जैसे हम इसमें रहते हैं।"
दूसरी ने जवाब दिया, "सफेद झूठ! सफेद झूठ!! तुम अच्छी तरह जानती हो कि इस समंदर से हममें-से कोई एक इंच बाहर निकला नहीं कि मर जाता है। फिर तुम्हारे पास क्या सबूत है कि दूसरे समंदर हैं और उनमें जीवन है?"