सोनम कपूर का आगमन / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 28 जून 2013
अनिल कपूर ने 'रांझणा' की टीम को फिल्म की कामयाबी पर बधाई देकर अपने घर रात्रि भोजन का न्योता दिया। उनकी सुपुत्री सोनम ने अपना कॅरियर फिल्म 'सावरिया' से शुरू किया था और बाद में राकेश ओमप्रकाश मेहरा की 'दिल्ली-6', पंकज कपूर की 'मौसम' तथा स्वयं अनिल कपूर की बनाई सोनम अभिनीत फिल्म असफल हो गईं। विगत 6 वर्षों में सोनम को एक या दो अत्यंत साधारण सफलताएं मिलीं। उसकी गिनती शिखर सितारों में नहीं होती थी, परंतु अब 'रांझणा' की सफलता उसे अनेक नए अवसर दिला देगी। इस उद्योग में एक सफलता के सहारे एक दशक निकाला जा सकता है और इस देश की नई अपसंस्कृति में 'ब्रांड' बनने के बाद टेलीविजन तथा विज्ञापन फिल्मों से मोटी कमाई होने लगती है। इस दौर में 'ब्रांड' की श्रेणी में आने के बाद आप तथाकथित शाइनिंग इंडिया के निवासी हो जाते हैं और साधनहीन भारत की परेशानियों से आपका कोई संबंध नहीं रह जाता, सिवा इसके आप खुद अपनी लोकप्रियता को बनाए रखने के लिए देश में हुई आपदाओं पर मगरमच्छ के आंसू बहाइये। इस दौर में कोई चैनल घोषित करे कि उत्तराखंड जाकर एक वर्ष तक सामाजिक काम करने वाले को नायक तथा नामी ब्रांड मान लिया जाएगा और अगले तीन वर्ष तक टेलीविजन पर उसकी तस्वीर रोज दिखाई जाएगी, लाखों कारसेवक हाजिर हो जाएंगे। जाने क्यों आज 'करने' से ज्यादा जरूरी करते हुए 'दिखना' इतना महत्वपूर्ण हो गया है।
बहरहाल, सोनम कपूर की 'भाग मिल्खा भाग' के सफल होने के बहुत अवसर हैं। अत: धनुष के साथ सफलता प्राप्त करने तथा फरहान अख्तर के साथ हिट देने के बाद श्रेष्ठी वर्ग के नायक उसकी ओर देखेंगे जरूर। अक्षय कुमार तो हर कामयाब व्यक्ति को साथ ले लेते हैं कि जाने किन सितारों का योग उनकी सफलता को विराट बनाता जाए। फिल्म 'दबंग' में सोनाक्षी सिन्हा की सफलता के बाद उन्होंने सोनाक्षी के साथ कई फिल्में कीं और इसके पूर्व कैटरीना कैफ के साथ भी करीब आधा दर्जन फिल्में कीं। इस तौर-तरीके में कुछ भी अनुचित नहीं है। दरअसल, सफलता को साधने के लिए सफल लोगों की संगत करनी आवश्यक है, परंतु इसके साथ ही दूसरा दृष्टिकोण है नई प्रतिभा की तलाश करना और उसे परिमार्जित करना। फिल्म उद्योग में वी.शांताराम, शशधर मुखर्जी, राज कपूर से लेकर आदित्य चोपड़ा और करण जौहर तक अनेक लोग नए लोगों को अवसर देते रहे हैं। अंतर केवल इतना है कि पकी हुई खाएं या आटा गूंथने में मेहनत करें।
बहरहाल, अनिल कपूर घराना भी समृद्ध होता जा रहा है। उनकी बेटी और बेटा भी विदेश से प्रशिक्षित होकर लौटे हैं। स्वयं अनिल कपूर उम्र के इस पड़ाव पर चुस्त-दुरुस्त और सक्रिय हैं। उन्होंने अमेरिकन टेलीविजन सीरीज '24' में अभिनय भी किया है। अब वे इस सीरियल के अधिकार खरीदकर इसे हिंदी में शूट कर रहे हैं। दूसरी ओर उनके बड़े भाई बोनी कपूर का बेटा अर्जुन भी सक्रिय है तथा बोनी और श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी भी मैदान में उतरने वाली है। इस तरह अनिल कपूर और बोनी कपूर परिवार की अगली पीढ़ी विरासत में मिली अपनी अभिनय प्रतिभा का परचम लहराने को तैयार है। सब मिलाकर मूल कपूर परिवार और उनकी सैटेलाइट कपूर शाखा दोनों ही जोरों पर है।
सोनम कपूर ने सौंदर्य के बाजार में भी अपनी जगह बनाई है और किसी प्रोडक्ट की ब्रांड एंबेसडर हैं। आज सिनेमा जगत में जो खेल चल रहा है, कुछ वैसा ही मामला हॉलीवुड का १९३२ से १९३९ तक था। उस दौर पर 'कारपेट बेगर्स' नामक लोकप्रिय उपन्यास लिखा गया है। कुछ वैसा ही भारत में भी हो सकता है।