सौंदर्य प्रसाधन व्यापार और गुदना / जयप्रकाश चौकसे

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सौंदर्य प्रसाधन व्यापार और गुदना
प्रकाशन तिथि : 07 नवम्बर 2018


सौंदर्य प्रसाधन व्यापार में महिला ग्राहकों की तुलना में पुरुष खरीदारों की संख्या बढ़ गई है। नेता भी अपनी पोशाक और सुंदर दिखने पर खूब वक्त देते हैं और परिश्रम करते हैं। आवाम की चिंता अब उनकी प्राथमिकता नहीं है। 10 करोड़ का सूट भी पहना गया है और विवाद होने पर उसे भेंट में मिला उपहार कहा गया। स्टूडियो में सितारों के लिए मेकअप रूम होते थे। अब सितारों के पास अपनी वैन हैं, जिनमें उनके नहाने, खाने और आराम करने की व्यवस्था रहती है। सलमान खान की एक वैन स्वयं के लिए है और दूसरी वैन वे अपने मिलने वालों के लिए ले जाते हैं। पूनम ढिल्लो ने वैन का व्यापार प्रारंभ किया था। अब सितारों की अपनी वैन है परंतु निर्माता को उनका किराया देना होता है। स्टूडियो के लिए यह आवश्यक है कि अधिक वैन की पार्किंग के लिए उसके स्टूडियो में यथेष्ट स्थान होना चाहिए। पहले स्टूडियो में सेट लगाने के लिए यथेष्ट जगह को प्राथमिकता दी जाती थी। अब सितारों की वैन के लिए यथेष्ट स्थान होना आवश्यक समझा जाता है। साधन साध्य का निर्धारण करते हैं।

बाजार भी एक ही माल को दो नाम से बेचता है। बॉडी लोशन स्त्री-पुरुष के लिए अलग-अलग नाम और लेवल से बेचे जाते हैं। आजकल इस बाजार में वस्तुओं को आयुर्वेद का लेबल लगाकर बेचा जाता है। जंगल काट दिए गए हैं अतः जड़ी-बूटी प्राप्त करना भी कठिन है परंतु आयुर्वेद का लेवल बाजार में सिक्के की तरह चल रहा है। पुराने व्यापारिक घराने परेशान हैं कि आध्यात्म का एक स्वयंभू दावेदार सैकड़ों प्रोडक्ट बेच रहा है, जबकि उसके पास केवल लेबल प्रिंटिंग का ही कारखाना है। गाय के घी के रिकॉर्ड उत्पादन का दावा किया जा रहा है, जबकि देश में गायों की संख्या कम होती जा रही है।

आज सितारे अभिनय के मुआवजे स्वरूप आय में भागीदारी मांगते हैं परंतु इस अनुबंध में घाटे का कोई उत्तरदायित्व नहीं लेते। सितारे को अभिनय मेहनताने से अधिक धन विज्ञापन फिल्म में काम करने के लिए मिलता है। सभी क्षेत्रों में साध्य का अवमूल्यन होता जा रहा है। अभिनय क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए आया युवा स्टूडियो के पहले जिम जाता है और दूध खरीदने के पैसे से प्रोटीन पाउडर खरीदता है। देश में बने प्रोटीन पाउडर से तीन गुना महंगा है विदेशी प्रोटीन पाउडर। प्रोटीन युक्त भोजन से अधिक महत्व दिया जाता है प्रोटीन पाउडर को। कोई आश्चर्य नहीं है कि दीपावली पर पारम्परिक मिठाई के बदले चॉकलेट का आदान प्रदान किया जाए। इस दशा के लिए मिलावट जवाबदार है। खाने-पीने की चीजें और मसालों में मिलावट से भयावह हालात बन रहे हैं। आजकल शहरों और कस्बों में खाने-पीने की दुकानों से अधिक संख्या में दवा बेचने वाली दुकानें नज़र आती हैं। डॉ. श्रीराम लागू ने चरित्र भूमिकाओं में बहुत नाम कमाया। उन्होंने एक आयुर्वेद प्रोडक्ट के विज्ञापन में अभिनय किया था। इसके दंड स्वरूप मेडिकल काउंसिल ने उनका लाइसेंस रद्‌द कर दिया था। लता मंगेशकर के लिए 'जैत रे जैत' फिल्म बनाने वाले जब्बार पटेल भी डॉक्टर रहे हैं। राज कपूर के पुणे के निकट ग्राम लोनी में फार्महाउस परिवार ने बेच दिया था। खरीददार से जब्बार पटेल ने निवेदन किया था कि 100 एकड़ में से मात्र 10 एकड़ उन्हें दे दें तो वे फिल्म माध्यम की शिक्षा देने वाली संस्था वहां स्थापित करेंगे। इस विषय में क्या हुआ इसकी कोई जानकारी नहीं है।

सौंदर्य प्रसाधनों से अधिक महत्व सुगठित शरीर का होना चाहिए। सौंदर्य के मानदंड विभिन्न क्षेत्र में बदल जाते हैं। पूर्व में किसी स्त्री के मोटे ओंठ होना बुरा माना जाता है परंतु अफ्रीका में यह उसके सौंदर्य में चार चांद लगा देता हैं। चीन में चपटी नाक सभी की होती है परंतु अमेरिका में यह ठीक नहीं मानी जाती। अमेरिका अपनी लंबी नाक दूसरे देशों के घरेलू मामले में अड़ाता है। जनजातियों में टैटू बनाया जाना अच्छा माना जाता है और अब महानगरों में टैटू बनाए जाते हैं गोयाकि गुदना जनजातियों से महानगर तक पहुंचा है। गुलशेर खान शानी के साहित्य की पृष्ठभूमि बस्तर रहा है और गुदने पर उसमें रोचक सामग्री है। महानगरों में गुदना के प्रिंट भी मिलने लगे हैं गोयाकि सचमुच गुदना करवाने की जरूरत नहीं है। उस महीन प्रिंट को जिस्म पर चस्पा करके भी वही प्रभाव प्राप्त किया जा सकता है। कभी-कभी युवा प्रेम की लहर के कारण गुदना करवाया जाता है। एक शिखर महिला सितारे का विवाह होने जा रहा है। उसके प्रथम प्रेमी का नाम उसकी गर्दन पर टैटू के रूप में मौजूद है परंतु उसे परेशानी नहीं होगी, क्योंकि होने वाला पति और अतीत में रहे प्रेमी के इनिशियल सामान हैं। दोनों के नाम उसी अक्षर से प्रारंभ होते हैं।