सौदा / रघुविन्द्र यादव
Gadya Kosh से
"क्या बात है भाई साहब, आजकल दिखाई नहीं देते?"
"भाई, मैं इन दिनों बहुत व्यस्त हूँ। मेरे साहित्य पर शोध हो रहा है।"
"हाँ वह तो आपने अख़बार में छपवाया तब पढ़ लिया था, मगर आप व्यस्त क्यों है? काम तो शोध करने वाले को करना है।"
"वह इसी शर्त पर मेरे साहित्य पर शोध करने को राजी हुआ है कि सारा काम मैं पूरा करके दूंगा।"
"अच्छा अच्छा शोध नहीं सौदा है।"