सौरव गांगुली के सामने चुनौतियां / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 21 अक्तूबर 2019
लंबे अरसे के बाद एक महान खिलाड़ी क्रिकेट संगठन का अध्यक्ष बना है। सौरव गांगुली अपने कप्तानी के दौर में अत्यंत आक्रामक स्वभाव के खिलाड़ी रहे हैं और टीम के संकट के समय में आदर्श प्रस्तुत करते रहे हैं। जिसे 'लीडिंग फ्रॉम द फ्रंट' कहा जाता है। भारतीय क्रिकेट में निरंतर परिवर्तन होते रहे हैं। मंसूर अली खान 'नवाब ऑफ पटौदी' ने दृष्टिकोण में यह परिवर्तन किया कि टीम ड्रा करने के लिए नहीं खेलेगी। जीतने का प्रयास करने की प्रक्रिया में हार जाने का मलाल नहीं रहेगा, क्योंकि निरंतर ड्रा मैच खेलने से क्रिकेट की लोकप्रियता घट जाती है। एक दुर्घटना में एक आंख के निकाले जाने के बाद भी उन्होंने शतक बनाए हैं। असाधारण प्रतिभा के धनी सुनील गावस्कर ने सशक्त वेस्टइंडीज टीम को शिकस्त दी। उनके दौर में तूफानी तेज गेंदबाजों का उन्होंने डटकर मुकाबला किया। वेस्ले हॉल, ग्रिफिथ, डेविडसन जैसे तेज गेंदबाजों को उन्होंने नसीहत दी। उनके दौर में फिरकी गेंदबाज रिची बेनो भी सक्रिय रहे। एक मैच में आस्ट्रेलिया हार की कगार पर पहुंच चुका था। एक भूतपूर्व खिलाड़ी ने रिची बेनो को सुझाव दिया कि पिच पर तेज गेंदबाजों के जूतों के निशान पर टप्पा देने से गेंद बहुत अधिक फिरकी लेगी। रिची बेनो ने हार की कगार पर पहुंचा हुआ मैच जिता दिया। अनुभव अनमोल होता है। इसी तरह कपिल देव निखंज अपने प्रारंभिक दौर में केवल इनस्विंगर ही फेंकते थे। एमआरएफ एकेडमी में ट्रेनिंग लेते समय उन्होंने आउटस्विंगर की कला विकसित की। पहले भारतीय गेंदबाजी की ताकत फिरकी गेंदबाजी हुआ करती थी परंतु कपिल देव निखंज ने रुख ही बदल दिया। अपने कॅरिअर में केवल गेंदबाजी के लिए वे 30 हजार किलोमीटर दौड़े, जिनमें बल्लेबाजी और केंद्र के लिए लगाई दौड़ शामिल नहीं है।एक दौर में फिरकी गेंदबाज चंद्रशेखर से बल्लेबाज भयभीत रहते थे। उनकी कोहनी का बैंड अजीब-सा था। संभवत: बचपन में हुए किसी रोग का नतीजा हो। आमिर खान ने इसी तथ्य से प्रेरित अपनी फिल्म 'लगान' में एक फिरकी गेंदबाज का पात्र रचा। खामियों को ताकत बना लेना इंसानी क्षमता के ही बस की बात है।
क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड आर्थिक रूप से मजबूत संस्था है। जहां गुड़ रखा हो, वहां चींटियां तो आती ही है। इसलिए राजनीति के लोगों ने इसे हाथ हथिया लिया। सारे राजनीतिक दलों के कुछ लोग संगठन से जुड़े हैं। वे अपने साथ अपनी संकीर्णता भी ले आए। क्रिकेट संगठन दोस्तों के दल में बदल गए। इसलिए सौरव गांगुली के आगमन से क्रिकेट संगठन में परिवर्तन होगा।
सौरव गांगुली के रास्ते में रोड़े अटकाने वाले लोग होंगे, जिन्हें कवर ड्राइव द्वारा सीमा रेखा के पार भेजना होगा। यह संभव है कि सौरव गांगुली, सुनील गावस्कर, राहुल द्रविड़, तेंदुलकर इत्यादि महान खिलाड़ियों को संगठन में महत्वपूर्ण पद देकर संगठन को संकीर्णता से मुक्त करें। यह भी ध्यान देने योग्य है कि अगला विश्वकप भारत में खेला जाएगा। हमारे संगठन को इंग्लैंड के बोर्ड से सबक लेना चाहिए कि उन्होंने विश्वकप की तैयारी उसी क्षण से शुरू कर दी, जिस क्षण वहां खेलने का निर्णय हुआ। उन्होंने अपने पिच के चरित्र भी अपनी टीम के अनुरूप परिवर्तित किए। ऑस्ट्रेलिया की एक टेलीविजन चलाने वाली संस्था ने 'त्वरित क्रिकेट' प्रारंभ किया। इसके अगले चरण में 20 ओवर की प्रतिस्पर्धा प्रारंभ हुई। अब 10 ओवर करने के लिए बातचीत अपने पहले दौर में है। भारतीय आईपीएल ने क्रिकेट खिलाड़ियों को धन अर्जित करने के अवसर दिए। ये ताबड़तोड़ क्रिकेट हत्या और अपराध फिल्मों की तरह सनसनीखेज बन गया है। ताबड़तोड़ क्रिकेट ने खेल के व्याकरण को ही भंग कर दिया है। यह भाषा अपशब्द केंद्रित हो सकती है। हम यह आशा कर सकते हैं कि सौरव गांगुली अपने धनाढ्य संगठन के असीमित कोष से कुछ धन हॉकी, कबड्डी इत्यादि संगठनों को देकर भारत के हर खेल का विकास करने का प्रयास भी करेंगे।