सौर परिवार के सदस्य / कविता भट्ट
सौर परिवार के सदस्य
सम्पूर्ण सौर परिवार का केन्द्र बिन्दु सूर्य है। इसके चारों ओर चक्कर लगाने वाले आकाशीय पिण्डों को ग्रह कहते हैं। सौर परिवार के नौ ग्रह हैं, जिनका संक्षिप्त परिचय निम्न प्रकार हैं-
1-बुध (मर्करी) -इसमें गर्मी अधिक पाई जाती है;क्योंकि यह सूर्य के काफ़ी निकट स्थित है। इस ग्रह पर कोई वायुमण्डल व जल न होने के कारण जीवन सम्भव नहीं है। इस ग्रह को सूर्य से कुछ समय पहले तथा सूर्य अस्त होने के कुछ समय बाद तारे की तरह चमकता हुआ देखा जा सकता है। इसी कारण इसे प्रातस्तारा या सांध्यतारा भी कहा जाता है। बुध व चन्द्रमा का आकार व द्रव्यमान एक जैसा है। बुध ग्रह का कोई प्राकृतिक उपग्रह नहीं है।
2-शुक्र (वीनस) -इस ग्रह में चमक सर्वाधिक है। यह सुबह पूर्वी आकाश में तथा शाम को पश्चिमी आकाश में दिखाई देता है जिस वजह से इसे प्रातस्तारा या सांध्यतारा कहते हैं। यह अपने पर पड़ रहे सूर्य के प्रकाश का पचहत्तर प्रतिशत भाग परावर्तित कर देने के कारण सबसे चमकीला प्रतीत होता है। इसका द्रव्यमान पृथ्वी का 4 / 5 भाग है। इस ग्रह पर अधिक कार्बनडाइ-ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण ग्रीन हाऊस प्रभाव होता है, जो इसे गर्म बना देता है। इसी कारण इस ग्रह पर जीवन सम्भव नहीं है। इसका कोई प्राकृतिक उपग्रह नहीं है।
3-पृथ्वी-सौर परिवार के तहत आने वाले सभी ग्रहों में पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है, जिस पर जीवन सम्भव है। इस ग्रह पर जीवन की उपस्थिति का कारण ऑक्सीजन, पानी, उचित तापमान व रक्षात्मक आवरण का होना है। इसका एक प्राकृतिक उपग्रह चन्द्रमा है।
4-मंगल-इसे लाल ग्रह भी कहते हैं। इसे पृथ्वी से नंगी आँखों से देखा जा सकता है। इसके दो प्राकृतिक उपग्रह हैं। इस ग्रह के वायुमण्डल में मुख्य तौर पर कार्बनडाइ-ऑक्साइड है तथा ऑक्सीजन बहुत कम मात्रा में है। इस ग्रह पर जीवन के अस्तित्व की अन्य सुविधाएँ भी नहीं पाई जाती हैं।
5-बृहस्पति-यह सर्वाधिक वृहद् और अधिक द्रव्यमान वाला ग्रह है। इस ग्रह के वायुमण्डल में हाइड्रोजन, हीलियम, मीथेन व अमोनिया गैसें होने के कारण यह चमकीला दिखाई देता है। यह अपने ऊपर पड़ रहे सूर्य के प्रकाश के अधिकतर भाग को परावर्तित कर देता है। इसके चारों ओर कुछ धुँधले वलय हैं तथा इसके अब तक अट्ठाइस उपग्रह खोजे जा चुके हैं।
6-शनि-आकार की दृष्टि से यह बृहस्पति के बाद दूसरे स्थान पर आता है। इसकी सूर्य से दूरी बृहस्पति से लगभग दुगुनी है। यह भी मुख्य रूप से हाइड्रोजन व हीलियम का बना हुआ है। इसके इर्द-गिर्द तीन वलय हैं, जिस कारण यह सौर-परिवार का सुन्दर व अद्वितीय ग्रह प्रतीत होता है। इसके तीस उपग्रह ज्ञात किए जा चुके हैं।
7-यूरेनस-यह एक ऐसा ग्रह है जिसकी खोज दूरदर्शी के माध्यम से की गई थी। यह दूरदर्शी द्वारा खोजा गया
पहला ग्रह है। यह ग्रह बृहस्पति व शनि के बाद तीसरा बड़ा ग्रह है। इसके वायुमण्डल में हाइड्रोजन, हीलियम व मीथेन गैसें हैं। इसके इक्कीस उपग्रह हैं। यह ग्रह अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की ओर गति करता है।
8-नेप्चयून-दूरदर्शी द्वारा यूरेनस के बाद इसी की खोज की गई. इसका आकार लगभग यूरेनस जैसा है। इसके इर्द-गिर्द भी कुछ वलय हैं। इसके आठ उपग्रह हैं।
9-प्लूटो-सूर्य से सर्वाधिक दूरी पर स्थित यह ग्रह सौर-परिवार का सबसे छोटा व हल्का ग्रह है, क्योंकि यह सूर्य से सबसे दूर है, इस कारण सबसे ठण्डा भी है। यह मुख्य तौर पर मीथेन का बना हुआ है। इसके पाँच उपग्रह -शेरान,हायड्रा,निक्स, कर्बरोस,या पी-4, स्टिक्स या पी-5 हैं। अन्तर्राष्ट्रीय खगोल संगठन [आई ए यू ] ने 24 अगस्त 2006 को इसे ग्रहों के समूह से निकाल दिया है, इसलिए अब केवल 8 ग्रह ही मान्य हैं। 9 [[1]]