स्टार और सुपरस्टार गठबंधन / जयप्रकाश चौकसे

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स्टार और सुपरस्टार गठबंधन
प्रकाशन तिथि : 22 जनवरी 2013


स्टार टेलीविजन और सलमान खान के बीच एक अनुबंध हुआ है, जिसके तहत उनकी अगले तीन वर्ष में आने वाली फिल्मों के सैटेलाइट अधिकार तथा उनके या परिवार के सदस्यों द्वारा बनाई गई छोटे बजट की फिल्मों के सैटेलाइट अधिकार शामिल हैं और इस धन का आंकड़ा संभवत: 400 करोड़ रुपए है। यह मनोरंजन इतिहास का सबसे बड़ा सौदा है, जिसके नतीजतन फिल्म उद्योग का आर्थिक ढांचा परिवर्तित होने जा रहा है। यह तो स्पष्ट है कि आज फिल्म की आय का लगभग 65 फीसदी धन सैटेलाइट प्रदर्शन, विदेश प्रदर्शन व संगीत अधिकार से आता है तथा भारतीय दर्शक की जेब से मात्र पैंतीस प्रतिशत जाता है। यह भी कहा जाता है कि मल्टीप्लैक्स संकुल की अधिकतम आय पॉपकॉर्न, समोसे, पार्किंग और शीतल पेय इत्यादि बेचकर आती है। भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष के इतिहास में 90 वर्षों तक फिल्में दर्शक के धन से बनती रही हैं और आज भी दर्शक ही दे रहा है, परंतु टेलीविजन पर फिल्में सिनेमाघरों से अधिक लोगों द्वारा देखी जा रही हैं। टेक्नोलॉजी के विकास के कारण अब महानगरों के साथ ही कस्बों में भी फिल्म का प्रदर्शन होने लगा है।

इसी कारण आज निर्माता फिल्म को उस समय लगाना चाहता है, जब उसे इतवार के साथ कोई अतिरिक्त छुट्टी भी मिले। केवल सिनेमा के व्यवसाय में ही लंबा सप्ताहांत महत्वपूर्ण नहीं है, आजकल जीवन के सारे रास-रंग भी सप्ताहांत में सिमट गए हैं। गोयाकि मनुष्य सोमवार से शुक्रवार शाम तक जीवन के लिए जरूरी भागमभाग में खपा रहता है और शुक्रवार रात से सोमवार की सुबह तक अपने रास-रंग में लीन रहता है। जीवन जीने के आनंद को साढ़े पांच या ढाई दिनों के हिस्सों में कैसे बांटा जाता है? हम सोमवार से शुक्रवार तक अपने कार्य में आनंद क्यों नहीं ले सकते? दफ्तर का काम आनंदहीन क्यों और छुट्टियां ही केवल रस से सराबोर क्यों? आनंद और उमंग सारे समय प्रवाहित क्यों नहीं?

बहरहाल, सलमान खान के इस अनुबंध के बाद शाहरुख खान, अक्षय कुमार इत्यादि अन्य सितारे भी कुछ कम या ज्यादा धन में इस तरह का अनुबंध कर सकते हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि 'तलाश' के निर्माता को थोड़ा-सा ही धन मिला है और अधिकतम अंश का मालिकाना अधिकार नायक आमिर खान का था। अब यह स्पष्ट होता जा रहा है कि फिल्म पर मालिकाना अधिकार सितारे का ही होगा और निर्माता का मेहनताना पहले ही तय हो जाएगा। एक तरह से निर्माता, निर्देशक सितारे की सेवा में होंगे और अभी तक फिल्म के जहाज का कप्तान निर्देशक को माना जाता था, परंतु अब सितारा होगा और निर्देशक मात्र मल्लाह। इस तरह आ रहा है निर्देशक-मल्लाह की नाव में सितारा तूफान। नाव में है तूफान, मल्लाह सावधान।

इस अर्थशास्त्र के बदलाव से फिल्म की गुणवत्ता पर क्या असर पड़ेगा? फिल्म निर्माण अब निर्देशक का आकल्पन नहीं रहेगा और सितारे की इच्छा से ही कथा चुनी जाएगी, अन्य तकनीशियन चुने जाएंगे। अर्थात निर्माण के हर पक्ष पर सितारे के हस्ताक्षर होंगे। इस तरह दूसरे महायुद्ध के बाद फ्रांस के फिल्म समालोचकों द्वारा निर्देशक के महत्व को प्रतिपादित करने की अवधारणा भी भारत में ध्वस्त हो जाएगी। फ्रांस के विद्वानों का कथन था कि जैसे लेखक किताब लिखता है, उसी तरह निर्देशक फिल्म बनाता है और यही थी उनकी ऑतर थ्योरी। दरअसल निर्देशकों के इस दयनीय दशा को पहुंचने का कारण भी यह रहा है कि प्रतिभाशाली लोग इस क्षेत्र में कम होते गए हैं। प्रतिभाहीन लोगों में आत्मसम्मान भी घट जाता है और विश्वास की कमी के कारण मालिकाना अधिकार भी चला जाता है। जिस तरह वे देश अपनी स्वतंत्रता खो देते हैं, जो अपनी रक्षा के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं, उसी तरह वे निर्देशक अपनी अथॉरिटी खो देंगे, जिनकी रक्षा सितारा कर रहा है।

दिलीप कुमार ने अपने जीवन में उस दौर में श्रेष्ठ अभिनय किया, जब उनके निर्देशक मेहबूब खान, बिमल रॉय, अमिय चक्रवर्ती रहे। 'राम और श्याम' के बाद जब दिलीप कुमार निर्देशक के निर्देशक हो गए, तब उनकी एक भी फिल्म महान नहीं बनी। गुरुदत्त इतने अच्छे निर्देशक थे कि उन्होंने स्वयं अपने को अच्छा अभिनेत सिद्ध कर दिया, जबकि वे दोयम दर्जे के अभिनेता थे। इसी तरह कमजोर अभिनेता मनोज कुमार उस समय तक सफल सितारे थे, जब तक निर्देशक मनोज कुमार अपनी निर्देशकीय कला के शिखर पर थे। उधर निर्देशक मनोज चूके, इधर मनोज सितारा धरती पर आ गिरा। इस तरह के प्रकरणों में दर्दनाक हादसा तब हुआ, जब देव आनंद ने निर्देशक बनने का फैसला किया और विजय आनंद ने अभिनेता बनने का। बहरहाल, इस बदलते हालात के घटाटोप में भी चमक की महीन रेखा इसलिए नजर आ रही है कि अब प्रतिभाशाली निर्देशक नए कलाकारों के साथ अपने बलबूते पर सफल सार्थक फिल्में गढ़ेंगे। सलमान खान भी छोटे बजट की फिल्में बनाने जा रहे हैं। उनमें भी नए कलाकारों और निर्देशकों को अवसर मिलेगा। 'कहानी' नामक कालातीत सितारा फिर अपनी शक्ति प्रदर्शित कर सकता है।