हनीट्रैप / उपमा शर्मा

Gadya Kosh से
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मॉल के प्रवेश द्वार के किनारों पर लगे बड़े-बड़े होर्डिंग्स पर लिखे आकर्षक ऑफर्स ने अंजू का ध्यान अपनी ओर खींच ही लिया। आगे बढ़ते ही एक ओर सुंदर परिधानों में सजे बाई वन गेट टू का ऑफर देते माॅडल के विज्ञापन तो दूसरी ओर रंग-बिरंगे पैकेट्स में लगे खाद्यान्नों के ढेर पर एक पर एक फ्री का टैग के फोटो देख अंजू से रुका न गया।

"सुनो! वहाँ देखो फाइव थाउजेंट में फाइव शर्टस। ब्राण्ड भी और जेब पर भी कम भारी।"

"अभी दो महीने पहले ही तो सेम ब्रांड की शर्टस ली हैं अंजू। ये भी देखो पाँच हजार खर्च करोगी तो पाँच मिलेगी। तुम अपनी जींस लेने आई हो ले लो फिर मूवी देख कर चलेंगे।"

" उन पर भी सेल चल रही

है सर। ये दो के पर करके चार आ जायेंगी। तीन और सलैक्ट कर लीजिए आप। मैडम आप इस बार बहुत दिनों बाद। " मुस्कुराती हुई सेल्स मैनेजर उस ओर लपकी।

"बस इधर आना नहीं हो पाया।"

"ये देखिए। कितनी सुंदर कुर्तियाँ। लेटेस्ट फैशन। एकदम आपकी पसंद।"

"हाँ बहुत खूबसूरत हैं।"

"ट्वेन्टी परसैन्ट का डिस्काउंट भी है। शिवानी! इधर आओ, मैडम को कुछ अच्छा-सा कलैक्शन दिखाओ।"

"वाह! मेल सैक्टर में बडी़ सेल। ये देखो ये टीशर्ट कितनी सुंदर है। बाय वन गेट थ्री का ऑफर है। मैं तो कहती हूँ फटाफट लो इससे पहले कोई और इसे उठाये।"

"मेरे पास पहले ही इतनी हैं यार।"

"अभी कम में मिल रही हैं। फिर लेना सीजन में डबल रेट पर। अच्छी भली बचत हो रही अभी लेकिन नहीं तुम तभी लेना जब फ्रेश अराईवल में पूरे पैसे देने हों। अभी ये भी ऑफर में और फाइव थाउजेंट से ऊपर की शाॅपिंग पर फ्री गिफ्ट वाउचर भी।"

"लेकिन अंजू।"

"क्या अंजू-अंजू कर रहे हो? तुम बड़ा बोर करते हो। मैं ये सब बिलिंग के लिए रख रही हूँ।"

"मैडम। ये बिटिया के लिए एक बड़ी सुंदर ड्रैस आई है। बहुत फबेगी इस पर।"

"दिखाइये।"

"अंजू! हमें देर हो रही है।"

"सर! फिर ये पीस नहीं मिलेगा। फिर अभी सेल भी है।"

"हाँ आप दिखाइए।"

"जी देखिए। बिटिया पर बड़ा सुंदर लगेगा ये कलर।"

"वाकई। इसे न देखती तो बहुत यूनीक चीज मिस कर देती।"

"फिर ये कर दूँ मैडम।"

"हाँ जी।"

"इसे कैश काउन्टर पर पहुँचा दीजिए।"

"अभी कैसे। मैडम ने तो कुछ लिया ही नहीं जींस के सिवाय।"

"बस हो गया।"

"ऐसे कैसे। आप आई भी इतने दिन बाद हो। ऐसे नहीं जाने दूँगी। आप अपने लिए भी तो देखिए कुछ।"

"हम जरा जल्दी में हैं।"

"क्या ज़ल्दी की रट लगा रखी है नितिन। ग्रोसरी का सामान भी तो लेना है। टाइम है मूवी में अभी।"

"मैम! मैं ये आपके लिए कुर्तियाँ रखवा देती हूँ।"

"लेकिन अंजू हमने तय किया था कि फाइव थाउजेंट तक की ही शाॅपिंग करेंगे। इतने की तो शर्टस ही ले लीं। तुमने बच्चों के कपड़े भी बिना जरूरत लिए हैं अभी। इतना बजट नहीं है अभी।"

"क्रेडिट कार्ड किसलिए होता है नितिन। दो महीने बाद लेने ही थे न। तब इतना अच्छा ऑफर मिलता?" फिर ज्यादा शॉपिंग पर फ्री गिफ्ट वाउचर भी तो है। "

"यार अब कितना घी इकट्ठा करोगी। 4 किलो पहले ही रखा है। और कितने किलो चावल घर में पहले ही रखे हैं अंजू। प्लीज ये पेंसिल-इरेज़र मत उठाना अब।"

" हाँ तो खाया जाता है। आगे पीछे लेना ही है न। पुराने चावल अच्छे होते हैं। अब ये मत कहना इतने मसालों का क्या करोगी? साल भर काम आते हैं। इकट्ठे लेने पर सस्ते पड़ जाते हैं।

और स्टेशनरी का सामान चाहिए ही होता है बच्चों को। "

"अब चलें अंजू!"

"सुनो! साबुन, सर्फ सब तो हो गया। अभी फ्री गिफ्ट वाउचर के लिए 500 रुपये की शॉपिंग और करनी है। ये चिप्स और चॉकलेट और ट्वाएज डाल लेते हैं। कुछ खाने और कुछ गिफ्टस के काम आ जायेंगे।"

क्रेडिट स्कोर बढ़ता जा रहा था। सामने बाज़ार मुस्कुरा रहा था।