हनुमान नै लुगाई तै कोए दिक्कत कोनी सै / नवीन रमण
जय बजरंग बली
प्यारी कमलेश I LOVE YOU
हिम्मत-सी करकै लिखण लाग रहया सूं। पता नी तेरे तै देण का टैम लाग्गै का अक नहीं।
ऊं तै म्हारा उस्ताद नू कहवै सै। अक जब तही लंगोटी बांधण लाग रे सो। जब तही बिरबानी तै तमनै दूर रहणा सै। असली पहलवान ओए हो सै। जुणसा लंगोटी का पक्का हो। पर मैं के करूं। मन्नै तै तू घणी कसूत्ती लाग्गै सै। तू बी पढ़ती हाण नू सौच्चैगी यो पहलवान बी किसा माणस सै। किसी-किसी बात लिखण लाग रहया सै। कदे लिख्या-ए कोनी तो जिसी बात जाणू सूं उसी लिखण लाग रहया सूं। हामनै तो स्कूल मैं बी कोनी लिखे कदे लैटर। उड़ै बी चार डंडे खा लिया करै थै। वै लैटर लिखण सै सेहला काम लाग्गै था। ऊं बी आपणी बात तो माणस नै कहणा-लिखणा आण-ए चहिए।
मेरा प्यार कती असली सै। मन्नै तेरे खात्तर कसम भी तोड़ दी। उस्ताद नै लंगोट पकड़वा कै हनुमान की कसम खुवाई थी। पर भोत दिन जी मार लिया। इब तो तेरे बिना रहया कोनी जाता।
हनुमान तो ऊं-ए बदनाम कर राख्या सै। जै हनुमान नै लुगाई तै इतनी दिक्कत होती तो राम-सीता बाबत रावण के गेल क्यूं भिड़ता फिरै है। फालतू की बात घणी लिख दी। असली बात तो या सै अक मन्नै तू घणी चोखी लाग्गै सै।
अर जब तू गोबर का तसला सर पै धरकै चाल्लै सै तो पीछे तै घणी कसूत्ती लाग्गै सै। बस नू मान मेरा काळजा कती पाटण नै हो ज्या सै। तू भी तो देखते ही हांसण लाग ज्या सै। फेर मेरे पै कती नहीं रूक्या जाता। गात पाटण नै होज्या सै। इसा लाग्गै जोर कर लिए हों।
बस वा तेरी हांसी कती कालजे मैं जाकै लाग ज्या सै। बस या हांसी तू मेरे ऊपर नूए लुटाती रहिए। मन्नै ओर कुछ नहीं मांगया बजरंग बली पै।
इसनै पढ़कै फाड़ दिए । नहीं तो फंस सकै सै । तन्नै तेरी मां की कसम है, जवाब जरूर दिए ।
तेरा आपणा जस्सा / जसबीर पहलवान