हिंदुस्तानी सिनेमा में क्रिसमस / जयप्रकाश चौकसे

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हिंदुस्तानी सिनेमा में क्रिसमस
प्रकाशन तिथि : 25 दिसम्बर 2019


हिंदुस्तानी सिनेमा में जूली नामक फिल्म में भारतीय क्रिश्चियन समाज का यथार्थपरक विवरण प्रस्तुत किया गया था। प्राय: भारतीय क्रिश्चियन पात्रों को स्मगलर की भूमिकाएं दी जाती रही हैं, परंतु ऋषिकेश मुखर्जी की राज कपूर अभिनीत 'अनाड़ी' में सहृदय ममतामयी मिसेज डीसॉ का पात्र ललिता पवार ने इस तन्मयता से निभाया कि मुखर्जी मोशाय ने इसी पात्र को केंद्र में रखकर 'मेम दीदी' नामक फिल्म बनाई। ज्ञातव्य है कि जूली में नायिका की छोटी बहन का पात्र श्रीदेवी ने अभिनीत किया था। राज कपूर की फिल्म 'बूट पॉलिश' में डेविड ने दयालु भारतीय क्रिश्चियन जॉन चाचा का पात्र अभिनीत किया था। डेविड पर तीन गीत भी फिल्माए गए थे, जिनमें मन्ना डे द्वारा गया गया गीत 'लपक झपक तू आ रे बदरवा, तेरे घड़े में पानी नहीं है, तू पनघट से भर ला...' आज भी लोकप्रिय है। गुरु दत्त की फिल्म 'प्यासा' के एक दृश्य में नायक क्रॉस पर लटके मसीहा की तरह नजर आता है।

के. भाग्यराज की फिल्म 'आखिरी रास्ता' में अमिताभ बच्चन ने दोहरी भूमिकाएं अभिनीत की थीं। इस फिल्म का नायक भी भारतीय क्रिश्चियन है। हिंदुस्तानी सिनेमा में क्रिश्चियन प्रतीकों का इस्तेमाल बार-बार होता है। 'जागते रहो' में रस्सी से लटकते गंवई गांव के भोले व्यक्ति पर पथराव किया जाता है। एक पत्थर खिड़की का शीशा तोड़ता है तो क्राइस्ट के चित्र को दिखाया गया है। राज कपूर की 'जोकर' का प्रथम भाग तो एक भारतीय फिल्मकार द्वारा क्रिश्चियन गरिमा का चित्रण ही प्रस्तुत कररता है। इसमें अंग्रेजी भाषा में गाया गीत भी है। जूली में भी अंग्रेजी भाषा में गाया गीत था।

ज्ञातव्य है कि बाइबिल सबसे अधिक बिकने वाली किताब है। दुनियाभर में क्रिश्चियन धर्म का प्रचार-प्रसार मिशनरी करते हैं। हिंदुस्तान में प्रचार के साथ ही उन्होंने अस्पताल और पाठशालाओं का निर्माण भी किया है। सभी धर्मों के प्रचारक होते हैं, परंतु क्रिश्चियन प्रचारकों ने ही अस्पताल और स्कूल खोले हैं। मध्यप्रदेश के झाबुआ में प्रचारक के कहने पर एक गांववाले ने क्रिश्चियन धर्म अपनाया, परंतु वह अपनी आदिवासी प्रथाओं का और रीति-रिवाजों का पालन करता रहा। पूछे जाने पर उसने कहा कि वह अपने रीति-रिवाज, तीज-त्योहार मनाता रहेगा। सारांश यह है कि धर्म परिवर्तन करने के कारण कोई व्यक्ति अपने जीवन का ढंग नहीं बदलता। उसकी विचार प्रक्रिया में कोई परिवर्तन नहीं होता। प्रचारक सत्ता के शिखर पर विराजकर भी प्रचारक ही बना रहता है।

पश्चिम में इस विषय पर उपन्यास लिखे गए हैं और फिल्में भी बनी हैं, जैसे- डॉ. विंची कोड, नन्स स्टोरी इत्यादि। यह जानकारी भी रोचक है कि हिंदुस्तान में कथा फिल्म के जनक दादा साहेब फाल्के 'लाइफ ऑफ क्राइस्ट' नामक फिल्म देखने के बाद इस माध्यम के उपयोग के प्रति जागरूक हुए और प्रारंभिक कालखंड में भारतीय मायथोलॉजी से प्रेरित फिल्में ही बनीं। पूरी दुनिया में क्रिश्चियन कैलेंडर को माना जाता है। क्राइस्ट की मृत्यु के साथ ही इस कैलेंडर का जन्म हुआ है। यह एनोडोमिनी विवाद का विषय रहा है।

एक प्रेरक फिल्म का सारांश रहा है कि एक बालक बीमार है और उसे विश्वास है कि क्रिसमस पूर्व ही वह मर जाएगा और अगर क्रिसमस तक जी गया तो निरोग हो जाएगा। पूरा मोहल्ला ही क्रिसमस पूर्व अपने मोहल्ले को क्रिसमस की तरह सजाते हैं और बालक समझता है कि वह अब निरोग हो जाएगा। डिज्नी स्टूडियो में क्रिसमस का स्थायी सैट लगा है। नैराश्य में डूबे हुए लोग इस बारहमासी सैट पर उत्सव मनाकर नैराश्य दूर करते हैं। हमारे शहरों और कस्बों में भी दिवाली स्ट्रीट या ईदगाह की स्थापना की जानी चाहिए, ताकि भीषण आर्थिक मंदी के दौर में हमारे हाथ आशा की कोई किरण रहे। क्राइस्ट पर बनी फिल्में 'टेम्पटेशन ऑफ क्राइस्ट', 'गोस्पेल अकार्डिंग टू सेंट मेथ्यूज पेशन ऑफ क्राइस्ट' हैं। एक फिल्मकार ने क्रूसीफिकेशन का दृश्य इतना रक्तरंजित शूट किया था कि टेक्निकलर फिल्म रक्तसनी लगती थी।

क्रिसमस दावतों में बच्चों का मन बहलाने के लिए प्रोफेशनल व्यक्ति सांता क्लाज का अभिनय करता है। इसी पेशे से उसकी दाल-रोटी वर्षभर चलती है। माताएं सोते हुए बच्चे के सिरहाने गिफ्ट रख देती हैं और बच्चे के जागने पर कहती हैं कि सांता क्लाज गिफ्ट दे गया है। बच्चों के मन का विश्वास बनाए रखना लालन-पालन का ही हिस्सा है। ज्ञातव्य है कि ओ हेनरी की कथा 'गिफ्ट ऑफ मैगी' विश्व की महानतम कथाओं में से एक मानी जाती है। कथा में प्रस्तुत व्यक्ति के पास एक हाथघड़ी है, परंतु चेन नहीं है। पत्नी के बाल लंबे और सुनहरे हैं, परंतु घर में कंघा नहीं है। पति घड़ी बेचकर महंगा कंघा लाता है, पत्नी केश बेचकर पति की घड़ी के लिए चेन लाती है। अभावों में भी प्रेम इस तरह उजागर होता है। प्रेम में कटौती किसी सरकार के बस में नहीं। इस पर कोई कर भी नहीं लगाया जा सकता।