हीरों की चोरी केंद्रित किताबें और फिल्में / जयप्रकाश चौकसे

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हीरों की चोरी केंद्रित किताबें और फिल्में
प्रकाशन तिथि : 22 अक्तूबर 2019


बलदेवराज चोपड़ा राही मासूम रजा द्वारा लिखी पटकथा पर 'महाभारत' सीरियल का निर्माण किया था। राही मासूम रजा ने इस प्राचीन ग्रंथ की वर्तमान संदर्भ में अनोखी व्याख्या करते का प्रयास किया था। उस सीरियल में नीतिश भारद्वाज ने श्रीकृष्ण की भूमिका अभिनीत की थी। नीतीश भारद्वाज की पत्नी ने शोध करके विश्व के प्रसिद्ध हीरों पर एक किताब लिखी थी। यह लोकप्रिय मान्यता रही है कि कुछ लोगों को हीरा धारण करने पर नुकसान होता है। इसी के साथ यह भी माना जाता है कि कुछ हीरे धारक की मृत्यु का कारण बनते हैं। उस रोचक किताब में एक 'अभागे' हीरे की कहानी है कि उसके सात धारक दुर्घटनाओं में मारे गए। उस हीरे को ब्रिटेन के एक म्यूजियम में रख दिया गया। हीरों का जन्म धरती की कोख में होता है। धरती अपनी धुरी पर निरंतर घूमती है, जिसके कारण उसकी कोख में तनाव बनता है और साथ ही विरोध होता है कि परिवर्तन स्वीकार नहीं है। इसी तनाव व विरोध की लहरें धरती की कोख में हीरे को जन्म देती है। कोयले की निर्माण प्रक्रिया भी हीरे के समान ही होती है।

सोने का मानदंड माशा, रत्ती और तोला से होता है। हीरे का कैरेट से होता है। ईयन फ्लेमिंग के उपन्यास 'डायमंड्स आर फॉर एव्हर' के प्रारंभिक हिस्से में दक्षिण अफ्रीका में हीरे की खदानों का प्राणामिक वर्णन दिया गया है। भारत में गोलकुंडा की खदानों से हीरे निकाले गए हैं परंतु मनुष्य के लालच ने उन खदानों को अब बांझ बना दिया। स्त्री हो या हीरे की खदानें, दोनों का बांझपन पुरुष की कायरता से जन्मा है। हीरों की चोरी से प्रेरित कुछ फिल्में बनी हैं। अमेरिका में रहने वाले हरीश शाह ने देशी-विदेशी सितारों के साथ 'शालीमार' नामक हादसा रचा था। पंचम ने फिल्म के लिए माधुर्य रचा था। हीरे की चोरी पर 'ग्रैंड स्लैम' नामक फिल्म के अंतिम दृश्य में एक महान जीवन मूल्य को रेखांकित किया गया था। हीरों की एक प्रख्यात दुकान में दशकों तक रहा मैनेजर हीरों की चोरी की योजना बनाता है। वह कभी सामने नहीं आता परंतु चोरी में प्रवीण पांच लोगों को योजना देता है। पेरिस में एक वार्षिक उत्सव में सारी रात सड़कों पर झांकियां निकलती है जैसे हमारे यहां गणेश विसर्जन के दिन होता है। उसी शोर-शराबे वाली रात चोरी की घटना नियोजित की गई है ताकि सड़कों पर मचाए शोर में तिजोरी तोड़ने की आवाज किसी का ध्यान आकर्षित नहीं करे। इस सफल अभियान के बाद पांचों चोरों में हिस्से को लेकर आपसी द्वंद्व होता है और सभी हीरों सहित वे समुद्र में डूब जाते हैं। सारा विश्व यह जान लेता है कि विश्व के बेशकीमती हीरे अब समुद्र में डूब गए हैं। अंतिम दृश्य में एक रेस्तरां में हीरों की दुकान का सेवानिवृत्त मैनेजर अपनी उम्रदराज पत्नी के साथ एक रोड साइड के रेस्तरां में बैठा है। वह अपनी पत्नी को बताता है कि सारा जीवन काम करते समय वह चोरी की योजना बनाता रहा। उसका यह अनुमान भी सही निकला कि पांचों चोर आपस में लड़कर मर जाएंगे। उसने चोरी के पहले अपने हीरे बदल दिए थे और चोरी नकली हीरों की हुई थी। वह मखमल की पोटली मेज पर रखता है। ठीक इसी समय एक मामूली उठईगिरा पोटली लेकर भागता है। पत्नी शोर मचाना चाहती है परंतु पति उसे रोक देता है और जल्दी ही वहां से दूर चला जाता है। वह बताता है कि उठईगिरा पकड़ा जाएगा और विश्वविख्यात हीरे पहचान लिए जाएंगे। वह अपनी पत्नी के साथ अपने स्विट्जरलैंड के कस्बे में अपने पारिवारिक मकान में चला जाता है। वह जानता है कि उठईगिरे से पूछा जाएगा परंतु फुटपाथ के रेस्तरां में अनेक लोग आते-जाते हैं। इस तरह वे हीरे वहां पहुंच जाएंगे, जहां से चुराए गए थे। हर अपराधी से एक चूक अवश्य होती है और उसी सुराग से वह पकड़ा जाता है।

एक विश्वविख्यात कहानी है 'डायमंड नेकलेस'। एक मध्यम वर्ग की महिला अपनी अमीर मित्र से डायमंड नेकलेस मांगकर एक समारोह में जाती है, जहां वह नेकलेस चोरी हो जाता है। महिला अपना घर-बार सबकुछ बेचकर वैसा ही नेकलेस अपनी पड़ोसन को देती है। कालांतर में उसे ज्ञात होता है कि पड़ोसन का नेकलेस नकली हीरों का था और उसे अपना सबकुछ बेचने की आवश्यकता नहीं थी। चोरी के भय से प्राय: अमीर महिलाएं असली हीरे तिजोरी में रखती हैं और हूबहू वैसे ही नकली हीरे धारण करती है। एक चालीस वर्षीय महिला और सतरह वर्षीय युवा की प्रेम कहानी पर बनी फिल्म का नाम था 'फोर्टी कैरेट वीमैन'। इसी तरह एक प्रसिद्ध उपन्यास 'मूनस्टोन' है। एक अंग्रेज अफसर ने ब्रिटिश राज के समय मंदिर से विख्यात मूनस्टोन की चोरी रची थी। एक पारिवारिक सम्मेलन की रात मूनस्टोन चोरी चला जाता है। दरअसल, उस मंदिर के पुजारी वर्षों तक मंदिर का मूनस्टोन चुराने का प्रयास करते रहे। पुलिस उन्हें गिरफ्तार करके गहन पूछताछ करती है परंतु उन्होंने चोरी नहीं की है। दरअसल, परिवार के मुखिया को नींद में चलने का रोग था और उसी में उसने हीरे लेकर उसे पास की नदी में फेंक दिया था और इस तथ्य से वह खुद गाफिल रहा। परिवार की पुरानी कुबड़ी सेविका ने सबकुछ देखा था परंतु अपनी वफादारी के कारण उसने पुलिस को कुछ नहीं बताया। दरअसल, वह कुबड़ी मन ही मन मालिक से प्रेम करती थी। प्रेम मनुष्य को दंड से बचा लेता है। बोनी कपूर की फिल्म 'रूप की रानी चोरों का राजा' में भी हीरों के नेकलेस की चोरी में एक परिंदे का इस्तेमाल हुआ है।