हेलिकॉप्टर ईला-निल बटे सन्नाटा माइनस काजोल / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 13 अक्टूबर 2018
आनंद एल राय की फिल्म 'निल बटे सन्नाटा’ और हाल ही में प्रदर्शित काजोल अभिनीत ‘हेलिकॉप्टर ईला’ में थोड़ी समानता है। 'निल बटे सन्नाटा’ में केंद्रीय पात्र एक घर में साफ सफाई का काम करती है और वह नहीं चाहती कि उसकी बेटी भी घरों में काम करने वाली 'बाई’ बने। वह चाहती है कि उसने जो भोगा वह उसकीृ बेटी को नहीं भुगतना पड़े। बच्ची की पढ़ने में रुचि नहीं है।
वह अपनी बेटी के साथ कक्षा में बैठती है। घर में उसे होमवर्क करने में सहायता देती है। फिल्म का टाइटल अंक गणित के भाग करने से प्रेरित है। काजोल अभिनीत 'हेलीकॉप्टर ईला’ में काजोल अपने बेटे के कॉलेज में उसके साथ कक्षा में बैठती हैं। उसका बेटा कटी हुई पतंग के समान अनिश्चय के आकाश में भटक रहा है। मां का उद्देश्य बेटे को सार्थक जीवन की प्रेरणा देना है। एक तरह से यह उद्देश्य व उद्देश्यहीनता की टकराहट की फिल्म है।
अजय देवगन से विवाह करने के बाद काजोल ने अभिनय में रुचि लेना लगभग छोड़ ही दिया था। 'ईला’ की भूमिका में प्रेरक लगी, इसलिए उन्होंने अभिनय में वापसी की। यह संभव है कि काजोल ने इस फिल्म को स्वीकार करके अपनी आधुनिका मां तनुजा और नानी शोभना समर्थ को आदरांजलि देने का प्रयास किया है। ज्ञातव्य है कि शोभना समर्थ ने सीता की भूमिका अभिनीत करके ऐसी सितारा हैसियत प्राप्त की थी कि अनपढ़ों के बीच वे पूजनीय बन चुकी थीं। शोभना समर्थ ने अपनी पुत्रियों नूतन और तनूजा को पढ़ने के लिए यूरोप भेजा था।
अपनी माइथोलॉजी से बंधे भारत महान में कस्बों के दर्शक फिल्म 'संतोषी मां’ देखने जाते थे तो अपने जूते-चप्पल सिनेमाघर के बाहर उतार देते थे। हमारी माइथोलॉजी से हमारे अवचेतन का रिश्ता बड़ा गहरा है। शिशु के जन्म के समय माता से जोड़ने वाली नाल काटी जाती है जो कटकर भी नहीं कटती। कुछ इसी तरह हम अपनी माइथोलॉजी से जुड़े हैं। तर्क और यथार्थ में दूरी बनाना और उसे नकार देने का प्रयास हमसे हमारी माइथोलॉजी ही कराती है। यह हमारा माइथोलॉजी की मंशा ही है कि 'बाहुबली’ सफलतम फिल्म बन जाती है। धर्म की आस्था और माइथोलॉजी में कोई संबंध नहीं है। इतना ही माइथोलॉजी आपको धर्म से दूर ले जाकर भरम की अंधी गली में छोड़ देती है।
ईला अपने पुत्र को पंख देना चाहती है ताकि वह उड़ सके। यहां पंख और उड़ने का अर्थ हैं अपनी बुद्धि का विकास करके एक सार्थक जीवन जी सके। एक सार्थक सानंद जीवन जीने को अभिव्यक्त करने में दबा संकेत यह भी है कि सड़कों पर बहुत अधिक भीड़ है और गंतव्य तक पहुंचने के लिए उड़ना ही पड़ता है। टेलीफोन पर निर्देश देकर भोजन व दवाओं की होम डिलीवरी की जाती है। सड़कों पर भीड़ व ट्रैफिक जाम के कारण अब ड्रोन द्वारा यह काम करना प्रारंभ ही हुआ है। ज्ञातव्य है कि ड्रोन एक अत्यंत छोटा बिना पायलट उड़ने वाला यंत्र होता है।
एक दिन पूर्व भी ड्रोन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हम टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं परंतु हमारी विचार प्रक्रिया में माइथोलॉजी सर्प की तरह कुंडली मारकर बैठी है। दुर्भाग्यवश हमारी शिक्षा प्रणाली प्रणाली भी इन पुरातन आख्यानों के प्रति हमारे घातक मोह को बढ़ावा दे रही है। 'निल बटे सन्नाटा’ की बाई की बेटी और 'हेलिकॉप्टर ईला’ का बेटा शिक्षा प्रणाली से क्या बेहतर इंसान बनकर आएंगे या दिशाहीन भीड़ की संख्या में इजाफा ही कर पाएंगे। वे हमारे आख्यानों द्वारा प्रसारित मायाजाल में खप जाने वाले हैं। प्रतिक्रियावादी सत्तासीन तत्वों ने तर्कहीन आख्यानों को खूब प्रचारित किया और अवाम को आख्यानों का पात्र बना दिया। ये नकारात्मक ताकतें अपनी शक्ति के कारण सफल नहीं हुई, वरन् अवाम के मन में तर्कहीनता के प्रति पहले ही गहरा मोह रहा है। वह भटकने और बहकने के लिए पहले से ही तत्पर रहा है।
काजोल की नानी शोभना समर्थ पांचवें दशक में ही हेलिकॉप्टर ईला की तरह सच्चे अर्थ में आधुनिका थीं। आधुनिक का अर्थ घुटने पर फटी हुई जींस पहनना नहीं है। तर्क प्रधान वैज्ञानिक विचार शैली विकसित करना है। चुनाव के पिंजरे में कैद हैं, जिन नेताओं की विचार शैली उन्होंने ही पौराणिकता का मायाजाल बुना है।