‘तू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल है....’ / जयप्रकाश चौकसे

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‘तू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल है....’
प्रकाशन तिथि : 28 मार्च 2020


ऋतिक रोशन और सुजैन खान का तलाक कुछ वर्ष पूर्व हो चुका है, परंतु कोरोना संकट में वे दोनों अपने बच्चों की खातिर एक साथ रहने लगे हैं। कोरोना कालखंड में दूरी बनाए रखने के दौर में बिछड़े साथी पुन: जीवन साथी बन रहे हैं। ज्ञातव्य है कि सुजैन अभिनेता-फिल्मकार संजय खान की सुपुत्री हैं और ऋतिक रोशन की बचपन से मित्र रही हैं। रोशन परिवार में इनकी शादी का विरोध हुआ, परंतु शीघ्र ही वे तैयार हो गए। संजय के भाई फिरोज खान के बेंगलुरु स्थित फार्म हाउस में विवाह संपन्न हुआ। समारोह में केवल दोनों परिवारों के सदस्य और नजदीकी मित्र शामिल हुए थे। बचपन से मित्र रहे, शादी के बंधन में बंधे, परंतु तलाक एक छोटी सी घटना के कारण हुआ। एक दिन दोनों कुछ खरीदी कर रहे थे। बिल अदा करते समय सुजैन को ज्ञात हुआ कि वे अपना पर्स घर भूल गई हैं। ऋतिक के पास भी पैसे नहीं थे। ऋतिक अपनी सारी कमाई अपने पिता को दे देते थे। यही उनके परिवार की परंपरा रही। सुजैन अपने पति की कमाई पर अपना अधिकार जताने लगीं।

दरअसल, सुजैन को इस बात की जानकारी नहीं थी कि जब ऋतिक के दादाजी और महान संगीतकार रोशन साहब की मृत्यु हुई, उनके परिवार के पास मामूली रकम थी। राकेश रोशन के भाई राजेश रोशन लक्ष्मी-प्यारे के सहायक बने और राकेश जे. ओमप्रकाश के सहायक निर्देशक। परिवार ने बहुत आर्थिक तंगी भोगी थी, इसलिए वे बेहद किफायत का जीवन जीते थे। दूसरी तरफ सुजैन के पिता अमीर व्यक्ति रहे और उसकी माता घर की सजावट का व्यवसाय करती थी। वह अपने काम में इतनी निपुण थी कि अमीर और प्रसिद्ध लोग अपने घर की सजावट के लिए उसकी मिन्नतें करते थे। दरअसल, ऋतिक-सुजैन टकराहट दो जीवन शैलियों का द्वंद्व रहा है। संकट दोनों को निकट ले आया है।

कमल हासन और सारिका ने प्रेम विवाह किया। यह कमल हासन की तीसरी शादी थी। कुछ समय बाद उनका तलाक हो गया। कालांतर में सारिका को अपनी संपत्ति के लिए अपनी मां से लड़ना पड़ा जो सब पर अधिकार जमाए थी। कमल हासन ने सारिका की सहायता की और संपत्ति वापस दिलाई। हॉलीवुड सुपर सितारे ब्रेड पिट और एंजेलिना जोली भी पुन: साथ आ गए हैं। अपने बच्चों की खातिर कोरोना कालखंड में विलग हुए जोड़े साथ आ रहे हैं। इन जोड़ों के पुन: साथ रहने को कोरोना का स्वागत नहीं समझा जाना चाहिए? यह केवल यथार्थ घटनाओं का विवरण है।

गुजश्ता सदी के सुपर सितारे एलिजाबेथ टेलर और रिचर्ड बर्टन ने एक-दूसरे से चार बार विवाह किया। तलाक देने के कुछ ही दिन बाद वे एक-दूसरे के बिना नहीं रह पाते थे। अत: विवाह कर लेते थे। फिल्मकार माइक निकोलस की फिल्म ‘हू इज अफ्रेड ऑफ वर्जीनिया वुल्फ’ में एलिजाबेथ और रिचर्ड बर्टन एक शिक्षा संस्थान के परिसर में रहते हैं। पति-पत्नी के बीच प्राय: झगड़ा होता है और अपशब्द कहने की प्रतियोगिता सी चलती है? प्राय: यह द्वंद्व नकली होते हैं। उन्हें एक-दूसरे से गहरा प्रेम है और जीवन की एकरसता को भंग करने के लिए छद्म युद्ध की नौटंकी रचते हैं। अपशब्द कहने के साथ ही घर का सामान एक-दूसरे पर फेंकते हैं और किसी एक के जख्मी होने पर दूसरा उसकी तीमारदारी करता है। क्या यह संभव है कि शिक्षा के नाम पर रचे गए ढकोसले को उजागर करने के लिए पति-पत्नी एक-दूसरे से भिड़ जाते हैं? एक-दूसरे को कहे अपशब्द दरअसल शिक्षा प्रणाली के खोखलेपन को उजागर कर रहे हैं। रिश्ते में हिंसा भी परिसर में पसरी हिंसा की ही प्रतीक है। एक बार रिचर्ड बर्टन ने कहा कि जब एलिजाबेथ से उनका तलाक होता है, तो उन्हेें लगता है कि उनके शरीर की कमर की हड्‌डी तड़क गई हो। दोनों एक ही मांस पिंड के दो हिस्से हैं। वे साथ-साथ भी नहीं रह सकते और अलग भी जी नहीं सकते। उनका रिश्ता गुरिल्ला युद्ध की तरह है, जिससे दोनों एक-दूसरे पर आक्रमण करते हैं और अपनी कमजोरियों की कंदराओं में दुबक जाते हैं।

बिच्छू एक-दूसरे के गिर्द नृत्य करते हुए प्रेम में आलिंगनबद्ध होते हैं। प्रेमालाप के पश्चात प्राय: पुरुष बिच्छू की मृत्यु हो जाती है। क्या यह मिलन के परमानंद को नहीं सह पाने के कारण होता है? ज्ञातव्य है कि राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘रंगीला’ में उर्मिला मातोंडकर और जैकी श्राफ अभिनीत पात्र भी प्रेम दृश्य में बिच्छुओं का नृत्य करते हुए प्रस्तुत किए गए हैं। फिल्मकार गुरु दत्त और गायिका गीता दत्त ने प्रेम विवाह किया था। उनका रिश्ता भी ‘हू इस अफ्रेड ऑफ वर्जीनिया वुल्फ’ में प्रदर्शित पति-पत्नी की तरह बन गया था। हर झगड़े के बाद वे एक-दूसरे के अधिक निकट आ जाते थे। गीता दत्त की शराबनोशी बढ़ जाने के कारण गुरु दत्त व्यथित रहे। उनकी फिल्म ‘साहब बीवी और गुलाम’ में प्रस्तुत पत्नी का पात्र भी अपने वेश्यागामी पति की इच्छानुरूप शराबनोशी करने लगती है। पति तो सदमार्ग पर लौट आता है, परंतु तब तक पत्नी लतियड शराबी हो चुकी है। कुछ ऐसा ही मामला गीता दत्त के साथ भी हुआ। गीता दत्त एक कन्सर्ट के लिए गई, परंतु वहां अत्यधिक पीने के कारण गा नहीं पाईं। आयोजकों के घाटे की भरपाई गुरु दत्त ने कर दी, परंतु उसी रात उन्होंने नींद की गोलियां अधिक मात्रा में खा लीं। गुरु दत्त की आत्महत्या का असली कारण कुछ और भी हो सकता है। संभवत: उनकी फिल्म प्यासा के साहिर लुधियानवी रचित गीत की तरह- यह दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है? में ही उनकी आत्महत्या का रहस्य छिपा हो?