“इन्सेप्सन” स्वप्न और यथार्थ का मायाजाल / राकेश मित्तल
प्रकाशन तिथि : 27 नवम्बर 2014
इस फिल्म में एक 'सपने चुराने वाले" चोर की कल्पना की गई है, जो सोए हुए व्यक्तियों के मस्तिष्क में प्रवेश कर उनके दिमाग में पल रही योजनाओं को चुरा लेता है, ठीक वैसे ही जैसे कोई कम्प्यूटर हैकर किसी कम्प्यूटर की मेमोरी से डाटा चुरा लेता है।
सुप्रसिद्ध ब्रिटिश-अमेरिकी फिल्म निर्माता, निर्देशक और लेखक क्रिस्टोफर नोलान वर्तमान पीढ़ी के सर्वाध्ािक सफल फिल्मकारों में से एक हैं। वे अपनी बड़े बजट की विज्ञान फंतासी आधारित फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। चवालीस वर्षीय नोलान ने अब तक नौ फिल्में बनाई हैं और लगभग सभी सुपरहिट रही हैं। हाल ही में प्रदर्शित उनकी फिल्म 'इंटरस्टेलर" भी बड़ी कामयाबी की ओर बढ़ रही है। 'मेमेन्टो", 'इंसोम्निया", 'बैटमैन बिगिन्स", 'द डार्क नाइट" जैसी फिल्मों ने उन्हें विश्वव्यापी ख्याति दिलाई है। वर्ष 2010 में प्रदर्शित 'इन्सेप्शन" उनकी सबसे महत्वाकांक्षी फिल्म मानी जाती है। इस फिल्म की पटकथा लिखने में उन्हें दस साल का समय लगा। अनेक जाने-माने कलाकारों से सुसज्जित इस फिल्म में मुख्य भूमिका हॉलीवुड सुपरस्टार लियोनार्डो डि कैप्रियो ने निभाई है। इस फिल्म में एक 'सपने चुराने वाले" चोर की कल्पना की गई है, जो सोए हुए व्यक्तियों के मस्तिष्क में प्रवेश कर उनके दिमाग में पल रही योजनाओं को चुरा लेता है, ठीक वैसे ही जैसे कोई कम्प्यूटर हैकर किसी कम्प्यूटर की मेमोरी से डाटा चुरा लेता है। इस फिल्म को आठ ऑस्कर पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया था, जिनमें से इसे चार श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा इसे नौ बाफ्टा व चार गोल्डन ग्लोब सहित दो सौ से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए नामांकित अथवा पुरस्कृत किया गया है।
नोलान पहले इसे हॉरर फिल्म के रूप में बनाना चाहते थे किंतु जैसे-जैसे वे इसकी पटकथा पर काम करते गए, इसका स्वरूप बदलता गया। इस फिल्म की शूटिंग के लिए उन्होंने पूरे यूनिट के साथ चार महाद्वीपों के छ: देशों की यात्राएं कीं। लगभग सोलह करोड़ डॉलर के बजट वाली इस फिल्म ने पहले ही वर्ष में अपनी लागत से पांच गुना ज्यादा कमाई करके इसके निर्माताओं को हैरत में डाल दिया। आज यह विश्व सिनेमा के इतिहास में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली पहली पचास फिल्मों की सूची में शामिल की जाती है।
इस फिल्म की रोचकता इसकी जटिलताओं और भूल-भुलैयाओं में समाई है। यह स्वप्न और यथार्थ की दुनिया का अद्भुत मायाजाल है। एक दृश्य में नायक की व्याख्या के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी स्वप्न की शुरूआत को याद नहीं रख सकता। कई बार घंटों गहरी नींद में सोने के बावजूद उसमें स्वप्न के रूप में बिताया गया हिस्सा बहुत थोड़ा होता है लेकिन वह कब आएगा, यह मालूम नहीं होता और जब आप किसी दूसरे के मस्तिष्क में विचरण कर रहे हों, तो यह स्थिति कष्टप्रद हो जाती है।
फिल्म का नायक कॉब (लियोनार्डो डि कैप्रियो) एक अलग किस्म का विशेषज्ञ चोर है। वह बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की दुनिया में अपने मुवक्किल के लिए सोते हुए प्रतिद्वंद्वी के मस्तिष्क में प्रवेश कर उसके दिमाग में पल रही योजनाओं, विचारों और रणनीतियों को चुरा लेता है। इस काम के जरिये उसने बहुत पैसा कमाया है किंतु हर उस चीज को खो दिया है, जिसे वह चाहता था। उसके अनेक दुश्मन भी बन चुके हैं। फिल्म की शुरूआत में ही हम देखते हैं कि कॉब अपने काम में पहली बार असफल हो गया है और उसके मुवक्किल के आदमी उसकी जान के पीछे पड़े हैं। वह अपने बच्चों से बिछड़ गया है और कदम-दर-कदम नई मुसीबतों में फंसता जा रहा है। इस चक्रव्यूह से बाहर निकलने के लिए उसे एशिया के कॉर्पोरेट मुगल सैतो के लिए आखिरी काम करना है, जिसमें उसे जो अब तक किया है, उसका ठीक उल्टा करना है। इस बार उसे प्रतिद्वंद्वी के मस्तिष्क में प्रवेश करके उसका आइडिया चुराना नहीं है बल्कि उसमें एक नया आइडिया इस तरह डालना है कि उसे यह अपना ही आइडिया लगे। यह एक बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य है किंतु जिस तरह की परिस्थितियों में वह फंस चुका है, उनसे निकलने के लिए उसके पास और कोई चारा नहीं है।
इस पृष्ठभूमि में नोलान ने एक ऐसा वितान रचा है कि दर्शक चमत्कृत रह जाते हैं। सिनेमा की तकनीकी गुणवत्ता यहां अपने चरम पर है। अनेक दृश्य अपने स्पेशल इफेक्ट्स के कारण अत्यंत प्रभावी बन पड़े हैं। यह नोलान के लेखन और निर्देशन का ही कमाल है कि इतनी परतदार और जटिल कहानी होने के बावजूद फिल्म की रोचकता अंत तक बनी रहती है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और विजुअल इफेक्ट्स कमाल के हैं। दृश्यों की तीव्रता को उभारने में हेंस झीमर के पार्श्व संगीत का उल्लेखनीय योगदान है।
सीक्वल, रीमेक और रिपीट फिल्मों के इस दौर में 'इन्सेप्शन" एक मौलिक और नई अवध्ाारणा के साथ हमारे सामने आती है। एक अलग किस्म के अनुभव के लिए यह फिल्म अवश्य देखी जाना चाहिए।