“मेमोरीज़ आफ अंडरडेवलपमेंट” एक विघटित समाज की पीड़ा / राकेश मित्तल

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“मेमोरीज़ आफ अंडरडेवलपमेंट” एक विघटित समाज की पीड़ा
प्रकाशन तिथि : 13 सितम्बर 2014


दक्षिण अमेरिकी नागरिकों के लिए “अंडरडेवलपमेंट” अथवा “अल्प विकास” शब्द के गहरे मायने हैं | जब भी वे दूसरी दुनिया के लोगों की ओर निगाह डालते हैं, यह शब्द उन्हें पीड़ा देता है | चाहे हम इसे सदियों लम्बी औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था का दुष्परिणाम कहें या अपर्याप्त औद्योगिक एवं संरचनात्मक विकास का असर, इस लम्बे दुविधापूर्ण माहौल ने वहां के लोगों में एक अजीब तरह की निराशा का संचार किया है | वर्ष १९६८ में प्रदर्शित क्यूबाई फिल्म निर्देशक टॉमस गुटिरेज़ आलिया की मास्टरपीस फिल्म “मेमोरीज़ आफ अंडरडेवलपमेंट” इस शब्द को कई अर्थों में परिभाषित करती है | इस फिल्म को न केवल आलिया के कैरियर की बल्कि लेटिन अमेरिका की श्रेष्ठतम फिल्मों में शुमार किया जाता है | इसे कार्लोविवारी के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ फिल्म और निर्देशन के लिए पुरस्कृत किया गया था |

इस फिल्म को समझने के लिए हमें क्यूबा के इतिहास में जाना होगा | क्यूबा कई सदियों से स्पेन का औपनिवेशिक हिस्सा रहा है | १९०२ में अमेरिकन स्पेनिश संग्राम के बाद इसे एक स्वतन्त्र राष्ट्र का दर्जा मिला | इसके बाद यहाँ तेजी से आर्थिक विकास हुआ किन्तु उसी रफ़्तार के भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाओं में भी वृद्धि हुई | प्रभावी राजनैतिक संगठनों के अभाव में यह तानाशाहों के कब्जे में चला गया | १९४० से वहां अमेरिका समर्थित तानाशाह बतिस्ता ने शासन की बागडोर संभाली | अपने दूसरे कार्यकाल में बतिस्ता ने अमेरिका की शह पर कम्युनिस्ट समर्थकों का दमन शुरू किया और धीरे धीरे वह निरंकुश होता चला गया | बढती तानाशाही, बदहाली और आराजकता के चलते अंततः जनता ने विद्रोह कर दिया | १९५३ में फ़िदेल कास्त्रो ने अर्जेंटीना के क्रांतिकारी नेता चे ग्वेवारा के साथ मिल कर सशस्त्र क्रांति का बिगुल बजा दिया | लगभग छः साल के लम्बे संघर्ष के बाद बतिस्ता का तख्ता पलट दिया गया | जनवरी १९५९ में क्यूबा को एक सोशलिस्ट स्टेट घोषित कर दिया गया और वहां फ़िदेल कास्त्रो के नेतृत्व में कम्युनिस्ट पार्टी का राज हो गया | इसके बाद अमेरिका के साथ क्यूबा के रिश्ते बेहद तल्ख़ हो गए | दोनों राष्ट्रों के राजनैतिक – कूटनीतिक सम्बन्ध लगभग ख़त्म हो गए | यहाँ तक कि अमेरिका ने कास्त्रो को उखाड़ फेंकने के लिए एक सशस्त्र विरोधी गठबंधन की खुले रूप में मदद की और इस अभियान को “सूअरों की खाड़ी पर हमला” नाम दिया गया | लेकिन क्यूबा की सेना ने इस हमले को विफल कर दिया | कालांतर में अमेरिका और क्यूबा के बीच की दूरियां बढ़ती गई | आज भी अमेरिका की तरफ से क्यूबा पर लगे सारे प्रतिबन्ध यथावत जारी हैं | इस समूचे घटनाक्रम का क्यूबा के जनजीवन और सामजिक-आर्थिक परिवेश पर गहरा प्रभाव पड़ा है | यह फिल्म इसी प्रभाव को एक निस्पृह नायक की आँखों से देखने का प्रयास है |

फिल्म का नायक सर्जियो (सर्जियो कोरीरि ) एक अभिजात्य, अमीर, बुद्धिजीवी लेखक है | उसकी पत्नी, माता-पिता व अन्य मित्र अमेरिका चले गए हैं क्योंकि वे क्यूबा के अस्थिर वातावरण में नहीं रहना चाहते किन्तु सर्जियो क्यूबा में ही रुक जाता है | वह पुरानी स्मृतियों के सहारे क्यूबा में हुए परिवर्तन के साथ साथ स्वयं का आत्म विश्लेषण करना चाहता है | उसके लिए अंडर डेवलपमेंट का मतलब लोगों की सोच और दृष्टि का पिछड़ापन है न कि भौतिक संसाधनों की कमी | वह क्रांति के पहले और बाद के क्यूबा की तुलना करता है और साथ ही इस दौरान दुनिया की प्रगति की रफ़्तार से क्यूबा की प्रगति को मापता है | निरुद्देश्य भटकते हुए वह कई महिलाओं के संपर्क में आता है | हर नया रिश्ता उसे और अधिक निराश करने लगता है |

यह फिल्म मूल रूप से प्रसिद्द क्यूबाई लेखक एड्मंड़ो डेस्नोज़ के अंग्रेजी में प्रकाशित उपन्यास “इन्कन्सोलेबल मेमोरीज़” पर आधारित है | इसे क्यूबा की क्लासिक फिल्म माना जाता है और यह वहां अत्यंत लोकप्रिय है | अधिकांश क्यूबाई नागरिकों ने इसे एक से अधिक बार देखा है | फिल्म की विषयवस्तु एवं कथानक बेहद जटिल है | निर्देशक ने अपनी बात कहने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल किया है जिनमे फ्लेश बैक तकनीक, न्यूज रील फुटेज, किताबों के अंश, भाषणों के अंश आदि शामिल हैं | यह एक लेखक के भीतर की यात्रा है जिसमे वह अपने आसपास घटित हो रहे परिवर्तनों के परिप्रेक्ष्य में स्वयं को खोजने की कोशिश करता है | इस प्रयास में वह अतीत, वर्तमान और भविष्य की गर्त में उलझे सवालों से रूबरू होता है | विचारों के झंझावात और घटनाओं के अतिरेक के बीच झूलता हुआ वह निष्कर्ष की तलाश में भटकता है | फिल्म में दो कथाएँ अन्तर्निहित हैं | एक तरफ सर्जियो का अंतर्द्वंद है तो दूसरी तरफ क्यूबाई समाज में हो रहे परिवर्तन की कहानी है | निर्देशक ने बड़ी कुशलता से दोनों के बीच सेतुबंध का निर्माण किया है |