अमृत राय / परिचय
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अमृतराय जी का विवाह सुभद्राकुमारी चौहान जी की बेटी सुधा चौहान से हुआ था। सुधा चौहान जी ने सुभद्रा कुमारी चौहान तथा अपने पिता लक्षमण सिंह जी की संयुक्त जीवनी लिखी-' मिला तेज से तेज' [1]
सम्पादक
प्रेमचंद की बिखरी रचनाओं के संपादन के अतिरिक्त आपने 'हंस' का संपादन अपने ही अंदाज़ में किया। यह 'हंस' और 'नई कहानी' के सम्पादक रहे हैं।
अमृत राय की रचनाएँ |
कृतियाँ प्रमुख कृतियां : 'साहित्य में संयुक्त मोर्चा', 'सुबह का रंग', 'लाल धरती', 'नई समीक्षा', 'नागफनी का देश', 'हाथी के दांत', 'अग्निशिखा', 'फांसी के तख्ते से', 'कस्बे का एक दिन', 'गीली मिट्टी', 'कठघरे', 'जंगले', 'सहचिंतन', 'भटियाली', 'आधुनिक भावबोध की संज्ञा', 'बतरस', 'चतुरंग', 'सारंग' और 'धुआं' कविता कोश में भी सम्मिलित। प्रमुख अनुवाद : 'स्पार्टाकस' का अनुवाद 'आदिविद्रोही', 'हैमलेट' का, 'समरगाथा'।
- 'प्रेमचन्द'
- 'कलम का सिपाही'
- 'बीज' (उपन्यास)
- 'तिरंगा कफ़न' (कहानी-संग्रह)
पुरस्कार
देश-विदेश के कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित। अमृतराय जी 'कलम का सिपाही' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हैं। कहानी तथा ललित निबन्ध के लेखन में भारत विख्यात इस लेखक को कलम का सिपाही नामक पुस्तक पर साहित्य अकादमी का पुरस्कार मिल चुका है। इनका उपन्यास बीज तथा कहानी-संग्रह तिरंगा कफन बहु-चर्चित है।
मृत्यु
कई बार जेल जाना पड़ा। बहुत बाद में अमृतराय यह महसूस करने लगे थे कि उनके लिए किसी शिविर में बंधना ज़रूरी नहीं। कहानी तथा ललित निबन्ध के लेखन में भारत विख्यात इस लेखक की मृत्यु 14 अगस्त, 1996 ई. में हुई।