कितने पाकिस्तान / कमलेश्वर / पृष्ठ 2
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दूसरे संस्करण की भूमिका
फरवरी 2000 में इस उपन्यास का पहला संस्करण छपा था। भाई विश्वनाथ जी ने जून में सूचना दी कि दूसरा संस्करण छप गया है, और यह भी कि साढ़े तीन महीनों में ही इसका पूरा संस्करण समाप्त हो गया। यह तब, जब कि किसी सरकारी या शोक खरीद का कोई आर्डर उनके पास नहीं था। सुनकर सुखद आश्चर्य हुआ। इसका मूल्य भी कम नहीं है, कि औसत पाठक आसानी से खरीद सके।
सबसे ज्यादा और चमत्कृत करनेवाला आश्चर्य तो तब हुआ था जब भाई महेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने इसके छपने के डेढ़-दो महीने बाद बताया था कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ नगरों में इसके फोटोस्टेट (पाइरेटेड) संस्करण 80-80 या 100-100 रुपये में बिक रहे हैं।
प्रकाशक के लिए वह सूचना सुखद नहीं थी लेकिन मेरे लिए यह मेरे जीवन की एक सुखदतम सूचनाओं में थी अपने प्रकाशक के साथ ही मैं अपने समकालीन लेखक बंधुओं, समीक्षकों, रचनाकारों, प्रतिक्रिया स्वरूप पत्र लिखने वाले सैकड़ों पाठकों, हिंदी के तमाम समाचार पत्रों, पत्रिकाओं का आभारी हूँ, जिन्होंने अपनी उन्मुक्त-बेलाग प्रतिक्रियाओं से इस रचना को नवाज़ा है। मैं मन से अभिभूत और विनत हूँ।
5/116, इरोज गार्डन,
सूरजकुण्ड रोड, नई दिल्ली-110044
-कमलेश्वर
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