गीतांजलि श्री

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गीतांजलि श्री
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जन्म 12 जून 1957
निधन
उपनाम
जन्म स्थान मैनपुरी, उत्तर प्रदेश
कुछ प्रमुख कृतियाँ
पाँच उपन्यास — 'माई`, 'हमारा शहर उस बरस`, 'तिरोहित`,'ख़ाली जगह' और 'रेत-समाधि'। पाँच कहानी संग्रह — 'अनुगूँज`,'वैराग्य`,'मार्च, माँ और साकूरा', 'यहाँ हाथी रहते थे' और 'प्रतिनिधि कहानियाँ'।
विविध
दिल्ली की हिन्दी अकादमी ने गीतांजलि श्री को सन 2000-2001 के साहित्यकार सम्मान से अलंकृत किया। 1994 में उन्हें अपने कहानी संग्रह ’अनुगूँज’ के लिए यू०के० इन्दु शर्मा कथा सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अलावा इनको द्विजदेव सम्मान और जापान फाउण्डेशन, चार्ल्स वॉलेस ट्रस्ट, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और नॉन्त स्थित उच्च अध्ययन संस्थान की फ़ेलोशिप मिली है। ये स्कॉटलैण्ड, स्विट्ज़रलैण्ड और फ्रांस में ’राईटर इन रेज़िडेंसी’ भी रही हैं। सन 2022 में इन्हें अन्तरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लेखिका गीतांजलि श्री अन्तरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार पाने वाली हिन्दी की पहली लेखक हैं।
जीवन परिचय
गीतांजलि श्री / परिचय
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कहानियाँ