दू स्टेटस् मेरी शादी की कहानी / चेतन भगत / समीक्षा-1

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युवा वर्ग के खुलेपन का रोचक अंदाज
समीक्षा:अशोक कुमार शुक्ला

चेतन भगत के इस उपन्यास में आज के युवा वर्ग के खुलेपन के सम्बन्ध में तथ्यों को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया गया है। इसमें जहां एक ओर विवाह पूर्व सीमाओं को लांधने की वर्जनाओं को तोडकर आगे बढता हुआ हिन्दुस्तानी युवा है तो वहीं दूसरी ओर महिलाओं के संबंध में परंपरागत सोच रखने वाला एन आर आई भी है। ऐसे ही एक दृष्टांत में परिवार की इच्छा के चलते प्रेमिका को विवाह के उद्देश से देखने आये एन आर आई दूल्हे के साथ हुये उसके वार्तालाप को बडी सुन्दरता से परंपरागत संकीर्ण सोच रखने वाले समूचे पाठको को जहां एक चेतावनी भरे स्वर में उजागर किया है वहीं शारीरिक संकीर्णता से कहीं आगे बढ चुकी पीढी के रूप में पदस्थापित भी किया है। एक वानगी देखें जिसमें आज के दौर के युवा वर्ग के खुलेपन को प्रदर्शित करने के लिये श्री भगत ने नायक नायिका के वर्तालाप में बडे रोचक अंदाज में प्रस्तुत किया है -

‘शट अप क्रिश‘ अनन्या ने कहा ।

‘तुम्हें पता है मैने हरीश का चैप्टर कैसे बंद कराया?‘

‘तुमने उसे मेरे बारे में बता दिया?‘

‘कुछ -कुछ।

‘कुछ-कुछ?‘ मैने तेज आवाज में कहा । मै कोई मिस्टर कुछ कुछ नहीं हूं । मै एक अच्छा भला इंसान हूं।

‘हो लेकिन मै उसे सब कुछ तो नहीं बता सकती थी ना। कैसा लगता? ज बवह मुझे देखने आया था तो मेरा बांॅय फ्रैन्ड भी मेरे साथ बैठा हुआ था।‘

‘जरा सोचो मुझ पर क्या बीती होगी। खैर तुमने उससे क्या कहा?‘

‘उसने मुझसे पूछा, या यूं कहूं कि उसने इशारे में पूछा कि क्या मैं अब तक वर्जिन हूं।‘

‘क्या उसने यह पूछा? मैं उस बास्टर्ड की जान ले लूंगा,‘ मैने कहा मेरा चेहरा तमतमा रहा था।

अनन्या हंस पडी। ‘वैसे किसी को जलते कुढते देखकर मजा तो आता है‘ उसने कहा ।‘फनी।‘

‘उसने कहा था ....रूको मुझे याद कर लेने दो। हां उसने कहा था कि क्या तुम अब भी प्योर हो या नहीं, ‘ उसने खिलखिलाते हुये कहा।

‘व्हाट अ लूजर उसे किस चीज की तलाश है .....घी ?‘ मैने कहा

अनन्या पेट पकडकर हंस पडी। ‘रूको तो, मेरा जवाब सुनोगे तो तुम हंसते हंसते मर ही जाओगे‘

‘और वह क्या है?‘

‘मैने उससे कहा - हरीश यदि वर्जिनिटी का कोई एंट्रेंस एग्जाम हो तो मै निश्चित ही उसमें टांप नहीं करूगी‘ ...अनन्या ने कहा।

‘तुमने ऐसा कहा! फिर क्या हुआ?‘

‘ओर फिर द सिस्को बाॅय ने फोन रख दिया। हरीश का चैप्टर क्लोज। राधा आंटी कहती है कि अब तो हरीश भी मुझे पसंद नहीं करता। यिप्पी!‘

वेटर हमारी ड्रिंक्स ले आया । ड्रिंक्स को देखकर लग रहा था , जैसे किसी ने पानी में खूब सारे ब्रश डुबो दिये हों।

एक छत के नीचे सिमट आये छोटे भारत का स्वरूप

चेतन भगत के इस उपन्यास ‘‘दू स्टेटस् मेरी शादी की कहानी‘‘ की सबसे बडी विषेशता आज के युवा प्रेमियों को दिया गया धीरज और धैर्य का संदेश है। समूचे उपन्यास में धुर विपरीत परिस्थितियों में भी नायक का धैर्य के साथ परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाने का प्रयास करना है जो आज की उतावली पीढी को धैर्य के साथ परिस्थितियों से निबटने का संदेश देता है। आज का युवा जहां गजब की बुद्धिमत्ता रखता है वहीं उसमें धैर्य का अभाव है वह सब कुछ तुरंत ही पा लेना चाहता है । उसे मां बाप समाज और व्यवस्था की कोई परवाह नहीं है।

उपन्यास में शिक्षा ग्रहण करने के लिये शिक्षण संस्थान के हास्टल में रह रहे लेखक का अपनी सहपाठिनी छात्रा को प्रभावित करना और उसके बाद बेलौस दिनचर्या अपनाकर हाॅस्टल में रहते हुये शारीरिक संबंधो की सीमा तक आगे बढना भारत के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानो में व्याप्त वातावरण की कलई जैसी खोलता हुआ प्रतीत होता है। ऐसे वातावरण में चेतन के उपन्यास में परिस्थितियों को अपने अनुकूल करने के लिये लगातार धैर्य पूर्वक किये गये प्रयास एक सभ्य शिष्ट और समझदार भारतीय युवा का प्रतिनिधित्व करते है।

यह उपन्यास अंततः एक छत के नीचे सिमट आये छोटे भारत का स्वरूप भी ग्रहण करता है जहां विविधता में एकता है। भिन्न भिन्न प्रान्त एवं संस्कृतियों से आने वाले दो परिवारों के सदस्य जब दो प्रेमी जोडों की जिद के आगे झुककर एककार होते हैं और जब दो अलग अलग प्रान्तों के प्रेमियों के दो जुडवा बच्चों का जन्म होता है तो पाठक बरबस ही जै हिन्द का उद्धोष लगाने पर मजबूर हो उठता है -

‘थैक यू, डाॅक्टर, थैंक यू सो मच,‘ मैने भावनाओं में बहते हुए कहा और उनसे हाथ मिलाने के लिये आगे बढा।

‘अभी रूको,‘ डाक्टर ने कहा। उनका मुंह मास्क के पीछे छुपा हुआ था।

‘क्या हुआ?‘ अनन्या ने पूछा ।

‘पता नहीं,‘ मैने कहा। ‘ओफ वेट, एक और लेग। वाॅव, एक और लडका।‘

‘जुडवां?‘ उसने कहा । उसे यकीन नहीं हो रहा था । ऐसा लग रहा था जैसे वह अभी गश खा जायेगी

‘यस,‘ डाॅक्टर ने कहा, ‘कांन्ग्रेच्चुलेशनस।‘

नर्स ने दोनो बच्चों को धो पोछक मेरे हवाले कर दिया।

‘ऐेहतियात से,‘ उसने कहा। मैने दोनो बच्चों को अपनी दोनो बाहों में थाम लिया ।

‘आप दोनो दो अलग अलग स्टेटस् से हैं ना? तो फिर ये बच्चे किस स्टेट से होंगे?‘ नर्स ने कहा और मुंह दबाकर हंस पडी।

‘वे एक ही स्टेट से होंगे, जिसका नाम है भारत,‘ मैने कहा।

चेतन भगत की पुस्तक ‘‘दू स्टेटस् मेरी शादी की कहानी‘‘ के नाम पर राष्ट्र प्रेमियों को प्रणाम