प्रस्तावना / दिनकर कुमार

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गुवाहाटी के एक कार्यक्रम में स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने कहा था - ‘हम असम को भूपेन हजारिका के नाम से जानते हैं।' भूपेन हजारिका के बहुआयामी व्यक्तित्व के कितने रूप हैं - गीतकार, संगीतकार, गायक, साहित्यकार, पत्रकार, फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक, चित्रकार - और हर रूप अद्वितीय है, अनूठा है। असम की माटी की सोंधी महक को सुरों में रुपान्तरित कर उन्होंने देश-विदेश में असम के संगीत को प्रचारित किया है। वे असम की जनता की चार पीढ़ियों के सबसे चहेते गायक हैं। बिहू समारोहों में वर्षा में भींगते हुए रात-रात भर लोग उनको गाते हुए देखते-सुनते हैं। असम की संस्कृति, ब्रह्मपुत्र नदी, लोक परम्परा, समसामयिक समस्या-- जीवन के हरेक पहलू को उन्होंने गीतों में रूपान्तरित किया है। रचना=दिनकर कुमार

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