बिना हासलपाई / नीरज दइया
Gadya Kosh से
बिना हासलपाई
रचनाकार | नीरज दइया |
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प्रकाशक | सर्जना, शिवबाड़ी रोड, बीकानेर- 334003 |
वर्ष | 2014 |
भाषा | राजस्थानी |
विषय | आधुनिक कहाणी आलोचना |
विधा | |
पृष्ठ | 160 |
ISBN | 978-81-89303-88-4 |
विविध | 25 कहानीकारों की कहानी-यात्रा का अध्ययन |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर गद्य कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- कहाणी आलोचना : बिना हासलपाई / नीरज दइया
- आधुनिक कहाणी : शिल्प अर संवेदना / नीरज दइया
- बगत रै सागै : बगत रै आगै / नीरज दइया
- जोसी थारा पगल्यां पूजूं / नीरज दइया
- पाटी पढावती कहाणियां / नीरज दइया
- बा जीवैला अर धाडफ़ाड़ जीवैला / नीरज दइया
- कहाणी री सळवटां काढतो कहाणीकार / नीरज दइया
- आदमी रो सींग अर माटी री महक / नीरज दइया
- असवाड़ै-पसवाड़ै रा छोटा-छोटा सुख-दुख / नीरज दइया
- अमूझो दरसावती कहाणियां अर सातूं सुख / नीरज दइया
- गांव री संस्कृति अर संस्कृति रो गांव / नीरज दइया
- नामी कवि री नामी कहाणियां / नीरज दइया
- आत्मकथा रा खुणा-खचुणा परसती कहाणियां / नीरज दइया
- अेक बिस्योड़ै कहाणीकार री बात / नीरज दइया
- अंतस रै साच माथै जोर / नीरज दइया
- फुरसत मांय भोळी बातां रो जथारथ / नीरज दइया
- कहाणियां मांय नुंवी भावधारा रा मंडाण / नीरज दइया
- अधूरी कहाणी-जातरा रा पूरा अैनाण / नीरज दइया
- सावळ-कावळ सो कीं जाणै राम / नीरज दइया
- कहाणी मांय मिनखाजूण रा गीत / नीरज दइया
- सेवट साच तो साच है अर कैयां सरसी... / नीरज दइया
- मानखै रै ऊजळ-पख री कहाणियां / नीरज दइया
- अंतस री घमरोळ रो जसजोग रचाव / नीरज दइया
- न्यारै-न्यारै हेत नै अरथावती कहाणियां / नीरज दइया
- चौथे थंब माथै चढ’र चहकती कहाणियां / नीरज दइया
- भाषा अर बुणगट रै सीगै भरोसमंद कहाणियां / नीरज दइया