भूपेन हजारिका की पसन्द / दिनकर कुमार
भूपेन हजारिका को क्या पसन्द है
प्रिय रंग : लाल और सफेद
प्रिय फूल : रातरानी
प्रिय भोजन : भात और मछली का झोल
प्रिय मछली : कोई भी छोटी मछली
प्रिय चिडिया : पण्डुक
प्रिय पेड़ : बरगद
प्रिय कलाकार : शंकरदेव
प्रिय जगह : तेजपुर
प्रिय साहित्यकार : लक्ष्मीनाथ बेजबरुवा
प्रिय गीत : जिसके बोल सुन्दर और शाश्वत हों
प्रिय फिल्म : अकिरा कुरोसोवा की फिल्में/विशेष रूप से ‘रशमेन'
प्रिय फिल्म निर्देशक : अकिरा कुरोसोवा
कब दुःख होता है : जब सुख की मात्रा ज्यादा हो जाती है
कब हंसी आती है : जब नेता अभिनेता बनने की कोशिश करते हैं। जब नेता खराब अभिनय करने लगते हैं तब हंसी रुक नहीं पाती।
कब गुस्सा आता है : नमकहरामों को देखकर। वैसे अब पहले की तरह गुस्सा नहीं आता।
मुख्य शत्रु : स्वयं। स्वयं से ही डर लगता है।
कब तक गाएंगे : अन्तिम दम तक।
मनोरंजन : फुरसत नहीं मिलती : जरा-सा वक्त मिलता है तो चित्र बनाते हैं। व्यंजन तैयार करना भी अच्छा लगता है।
समालोचना : समालोचना का स्वागत करते हैं। एक गीत भी लिखा है - ‘समालोचना की आग में तपाकर मुझे विकसित करो'। परन्तु अगर सृजन की तुलना में व्यक्ति केन्द्रित हो तो मन पर चोट लगती है।
रचनाकार: दिनकर कुमार