मनुष्य और मत्स्यकन्या / अभिज्ञात / पृष्ठ 5

Gadya Kosh से
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अम्बर की आंखों में आंसू थे। वह जान गया था, सामने जो समुद्र था उसमें वह चाहे जितना हाथ पैर मारे वह जलपरी को वापस नहीं ला सकता था। समुद्र से उसके पिता ही कहां वापस लौटे। जिस नम्बर से वाइस मैजेस आया था उस पर अम्बर ने बात करने की कोशिश की लेकिन फ़ोन आफ़ था। अभी दो मिनट भी न बीते थे कि फ़ोन आया-'तुम जहां भी हो, हमारी बात गौर से सुनो। मत्स्यकन्या की जान ख़तरे में है। यदि तुमने मत्स्यकन्या की हक़ीक़त के बारे में किसी को बताया तो वह तो मारी ही जायेगी तुम भी नहीं बचोगे। भलाई इसी में है कि तुम तुरंत एयरपोर्ट पहुंचो। वहां हमारे आदमी तुम्हारा इन्तज़ार कर रहे हैं उनके साथ हमारे पास आ जाओ। और वे जैसा-जैसा कहें वैसा-वैसा करो।'

अम्बर ने वैसा ही किया। वह एयरपोर्ट रवाना हो गया। वहां दो लोगों ने उसे देखते ही उससे सम्पर्क किया। अम्बर के लिए टिकट आदि का इन्तज़ाम उन लोगों ने कर रखा था। विमान स्वीट्जरलैंड उतरा था। जहां से उसके साथ के लोग एक कार से समुद्र तट पर ले गये और वहां से स्पीड बोट से उसे समुद्र तट से काफी अन्दर ले जाया गया, जहां एक जलयान था। जलयान पर कुछ लोग पहले ही उपस्थित थे, जिनमें वह डॉक्टर भी था जिसके बारे में यह बताया था कि वह स्टेम सेल विशेषज्ञ है और मत्स्यकन्या का आपरेशन कर रहा था।

वहां उसने पहली बार मत्स्यकन्या को मानव रूप में देखा ही नहीं बल्कि उसे छूकर स्पर्श कर देखा कि वह सचमुच है, उसकी कल्पना नहीं। वहां उपस्थित लोगों ने उन दोनों को आपस में मिलने दिया क्योंकि राज अब राज़ नहीं रह गया था। उन्होंने निर्णय ले लिया था कि उन दोनों को एक साथ ख़त्म कर देना है। डॉक्टर ने कहा कि पांच मिनट का समय दिया जा रहा है तुम अपनी महबूबा के साथ गुजार लो क्योंकि तुमने हमारे काम में बहुत मदद की है। यह पांच मिनट तुम्हें इनाम में दिये जाते हैं। इसके बाद तुम दोनों को हमेशा-हमेशा के लिए दुनिया से विदा कर दिया जायेगा ताकि दूसरी दुनिया में एक साथ रह सको। उन दोनों को नीचे जलयान के नीचे कमरे में जाने दिया गया जबकि वे सभी यान में डेक पर थे। कमरे में अम्बर और मत्स्यकन्या एक दूसरे की बाहों में थे और अपनी पूरी उम्र पांच मिनट में जी लेना चाहते थे।

एकाएक पूरा जलयान ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगा। ऊपर के लोगों की चीखें सुनायी देने लगीं। जनयान डूबने लगा। दोनों ने बचाव के इमरजेंसी उपकरणों का प्रयोग किया और समुद्र में कूद पड़े। --

दूसरे दिन उन्हें तट मिल गया। बाद में मीडिया की खबरों से उन्हें पता चला कि स्वीट्जरलैंड समुद्र में एक जलयान पर विशेष तफरीह के दौरान स्टेम सेल का आपरेशन करने वाले डॉक्टर व उनकी टीम पर मत्स्यकन्याओं ने हमला कर दिया जिसमें वे और उनके साथ मारे गये। ऐसा उन्होंने अपनी एक साथी को मनुष्य बनाने का बदला लेने के लिए किया। हैरत की बात तो यह है कि मानव बनी मत्स्यकन्या की जान उन्होंने बख्श दी। ---

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