युद्ध स्मारक: वीर सैनिकों को श्रृद्धांजलि / संतोष श्रीवास्तव
प्रथम विश्वयुद्ध में शहीद हुए भारतीय वीर सैनिकों को श्रृद्धांजलि देते हुए उनकी याद में तीन स्मारक बनाए गये। पी डिमेलो रोड ठाना स्ट्रीट स्थित इंडियन सेलर्स होम स्थित बॉम्बे मेमोरियल (1914-1918) जो 2207 भारतीय अदनी और पूर्वी अफ़्रीकी मरींस शहीदों के नाम समर्पित है। स्मारक के हॉल में आठ पैनलों में इन शहीदों के नाम दर्ज़ हैं। गेटवे ऑफ़ इंडिया जा रही इसी सड़क पर शूरजी वल्लभदास मार्ग, स्प्रोटरोड और नरोत्तम मोरारजी मार्ग के जंक्शन पर न्यू कस्टम हाउस के सामने कांसे से बना सुनहले किनारे वाला एक और युद्ध स्मारक है जो बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट के इन शहीदों को श्रृद्धांजलि स्वरुप है। इसकेफलक पर युद्ध का विस्तार और 87 हज़ार सैनिकों का बंदरगाह से रवाना होने का वर्णनलिखा है। प्रख्यात सेंट थॉमस कैथेड्रल के एक मेमोरियल (स्मारक) पर भी युद्ध में शहीद रॉयल इंडियन मरींस के ऑफ़ीसर व अन्य वारंट ऑफ़ीसर के नाम दर्ज़ हैं। ढाई सौ साल पुराना देश का सबसे पुराना कमान हॉस्पिटल नौसेना का 'आई एन एस अश्विनी' मुम्बई में इन शहादतों की बोलती मिसाल है।
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के कॉर्नर पर व्ही शेप में गोथिक कला की म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन बिल्डिंग है जिसकी नींव 1884 में लॉर्ड रिपन ने रखी थी। यह 1873 में बनकर तैयार हुई. इसकी ऊँचाई 235 फीट है।