करवट बदलती सदी: आमची मुम्बई / संतोष श्रीवास्तव
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करवट बदलती सदी: आमची मुम्बई
रचनाकार | संतोष श्रीवास्तव |
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प्रकाशक | किताब वाले प्रकाशन, दिल्ली |
वर्ष | 2019 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | 18 वीं सदी से लेकर अब तक की मुंबई का पूरा परिदृश्य। |
विधा | औपन्यासिक |
पृष्ठ | 126 |
ISBN | |
विविध | 978-93-85754-22-7 |
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इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- मुम्बई का प्रवेश द्वार: गेटवे ऑफ़ इंडिया / संतोष श्रीवास्तव
- गोथिक कला की खूबसूरत इमारत: ताज़महल कॉन्टिनेंटल होटल / संतोष श्रीवास्तव
- किसी भी जगह की पहचान हैं वहाँ के मूल निवासी, आदिवासी / संतोष श्रीवास्तव
- कोलियों का कर्मक्षेत्र ससून डॉक / संतोष श्रीवास्तव
- मुम्बई का टाइम्स स्क्वायर / संतोष श्रीवास्तव
- साहित्यकारों का जमावड़ा रहता था फोर्ट में / संतोष श्रीवास्तव
- उर्दू शायरों की पनाहगाह भिंडी बाज़ार / संतोष श्रीवास्तव
- वी.टी. यानी छत्रपति शिवाजी टर्मिनस / संतोष श्रीवास्तव
- बॉम्बे बैकवे की पहली उपनगरीय ट्रेन / संतोष श्रीवास्तव
- मुम्बई की शाही घोड़ागाड़ी-विक्टोरिया / संतोष श्रीवास्तव
- मुम्बई की आर्थिक प्रगति का सूत्रधार पारसी समुदाय / संतोष श्रीवास्तव
- युद्ध स्मारक: वीर सैनिकों को श्रृद्धांजलि / संतोष श्रीवास्तव
- लंदन के स्थापत्य का आभास कराता चर्चगेट / संतोष श्रीवास्तव
- महानगर का दिल गिरगाँव चौपाटी / संतोष श्रीवास्तव
- वी. आई. पी. लोगों की पसंदीदा जगह मालाबार हिल / संतोष श्रीवास्तव
- फ़िरोज़शाह मेहता उद्यान / संतोष श्रीवास्तव
- मुम्बई आये और महालक्ष्मी के दर्शन न किये तो क्या किया / संतोष श्रीवास्तव
- दादर में निर्मित हो रहा है अंबेडकर स्मारक / संतोष श्रीवास्तव
- नाटकों का बोलबाला था तब / संतोष श्रीवास्तव
- जिस्म का बाज़ार कमाठीपुरा / संतोष श्रीवास्तव
- भारत का एकमात्र ऑपेरा हाउस / संतोष श्रीवास्तव
- सात सौ इकतीस घाट हैं धोबी तालाब में / संतोष श्रीवास्तव
- मुम्बई के आकर्षण का केन्द्र डब्बावाला / संतोष श्रीवास्तव
- अँग्रेज़ों के ज़माने का किंग्ज़ सर्किल अब माहेश्वरी उद्यान कहलाता है / संतोष श्रीवास्तव
- मुम्बई की सरहद सायन / संतोष श्रीवास्तव
- एशिया का सबसे बड़ा स्लम धारावी, यानी मुम्बई का दिल / संतोष श्रीवास्तव
- मुम्बई तेरे क्या कहने / संतोष श्रीवास्तव
- आज भी हैं मुग़ल हमाम / संतोष श्रीवास्तव
- बॉक्स ऑफ़िस का रेकॉर्ड तोड़ती फिल्मों के गवाह सिनेमाघर / संतोष श्रीवास्तव
- फ़िल्म स्टूडियो जहाँ यादगार फ़िल्में शूट हुईं / संतोष श्रीवास्तव
- अद्भुत है दादा साहब फालके चित्रनगरी / संतोष श्रीवास्तव
- के से शुरू होने वाले धारावाहिकों का शूटिंग स्थल आरे कॉलोनी / संतोष श्रीवास्तव
- मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरूद्वारे / संतोष श्रीवास्तव
- मुम्बई का भूलेश्वरजहाँ का उषाकाल सुबह-ए-बनारस से कम नहीं / संतोष श्रीवास्तव
- मुम्बई की ख़ास रौनक थे यहाँ के शानदार बँगले / संतोष श्रीवास्तव
- बांद्रा वर्ली सी लिंक / संतोष श्रीवास्तव
- मुम्बई के खूबसूरत समुद्र तट / संतोष श्रीवास्तव
- हरे भरे पर्वतीय सैरगाह / संतोष श्रीवास्तव
- प्रवासी पक्षियों की सैरगाह हैं अरब सागर की खाड़ियाँ / संतोष श्रीवास्तव
- लोकल से चर्चगेट से विरार तक का रोमाँचकारी सफ़र / संतोष श्रीवास्तव
- अनजान थी मैं इन नदियों से / संतोष श्रीवास्तव
- मुम्बई की नाइट लाइफ़ / संतोष श्रीवास्तव
- लोकल ट्रेन: मुम्बई की जीवन रेखा / संतोष श्रीवास्तव
- मुम्बई की अपनी अलग संस्कृति / संतोष श्रीवास्तव
- एकजुटता की प्रतीक चॉल / संतोष श्रीवास्तव