रणधीर कपूर / राजकपूर सृजन प्रक्रिया / जयप्रकाश चौकसे

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रणधीर कपूर
रणधीर कपूर / राजकपूर सृजन प्रक्रिया

मुझे खुशी है कि मेरे मित्र जयप्रकाश चौकसे ने मेरे पिता राजकपूर पर किताब लिखी है। उन्होंने हमारी फिल्में भी वितरित की हैं और व्यापारिक रिश्तों के साथ ही पारिवारिक सम्बन्ध भी रहे हैं। उन्होंने मेरे पिता के साथ बहुत वक़्त गुज़ारा है और उसी अन्तरंग अनुभव के आधार पर यह किताब लिखी है।

दैनिक भास्कर में उनका प्रतिदिन प्रकाशित होनेवाले लेख, किस्तों में सिनेमा का इतिहास है और इस अभिनव प्रयास का असली उद्देश्य सिनेमा के माध्यम से भारत को समझना है।

जयप्रकाश चौकसे अन्य समालोचकों से इस मायने में अलग हैं कि उन्होंने फिल्म निर्माण और सिनेमा उद्योग को नज़दीक से देखा है और उसका हिस्सा भी हैं।

जयप्रकाश चौकसे और राजकमल प्रकाशन को शुभकामनाएँ।

- रणधीर कपूर