सुलताना ताबित / बलराम अग्रवाल

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सलमा करामी की कहानी को बहुत से लोग एक 22 वर्षीया लेबनानी विधवा सुलताना ताबित (Sultana Tabit) से भी जोड़ते हैं। वह भी उन्हें पढ़ाई के दौरान ही मिली थी। जिब्रान ने मेरी को भी इस बरे में बताया था। सुलताना के साथ जिब्रान ने किताबों और कविताओं का खूब लेन-देन किया। लेकिन लोक-लाज के डर से सुलताना जिब्रान के साथ अधिक आगे नहीं बढ़ पाई और अपने-आप में सिमटकर रह गई।

1899 के असफल प्रेम की उन स्मृतियों को जिब्रान ने 1912 में प्रकाशित अपनी अरबी पुस्तक अल-अजनि: आह अल-मुतकस्सिरा में लिखा जिसका अंग्रेजी अनुवाद 1957 में ‘द ब्रोकन विंग्स’ नाम से प्रकाशित हुआ। ‘द ब्रोकन विंग्स’ को स्वयं जिब्रान ने एक आध्यात्मिक जीवनी कहा है। इसकी नायिका सलमा करामी वस्तुत: सुलताना ताबित की प्रतिनिधि है।