हरिवंशराय बच्चन / परिचय
जीवन
इलाहाबाद के कायस्थ परिवार में जन्मे बच्चन जी का वास्तविक नाम हरिवंश श्रीवास्तव था । इनको बाल्यकाल में बच्चन कहा जाता था जिसका शाब्दिक अर्थ बच्चा या संतान होता है । बाद में ये इसी नाम से मशहूर हुए । इन्होंने कायस्थ पाठशालाओं में पहले उर्दू की शिक्षा ली जो उस समय कानून की डिग्री के लिए पहला कदम माना जाता था । इसके बाद उन्होने प्रयाग विश्वविद्यालय से अंगरेजी में एम ए और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पी एच डी किया ।
१९२६ में १९ वर्ष की उम्र में उनका विवाह श्यामा बच्चन से हुआ जो इस समय १४ वर्ष की थी । लेकिन १९३६ में श्यामा की टीबी के कारण मृत्यु हो गई । पांच साल बाद १९४१ में बच्चन ने एक पंजाबन तेजी सूरी से विवाह किया जो रंगमंच तथा गायन से जुड़ी हुई थीं । इसी समय उन्होंने नीड़ का पुनर्निर्माण जैसे कविताओं की रचना की । तेजी बच्चन से अमिताभ तथा अजिताभ दो पुत्र हुए । अमिताभ बच्चन एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं । तेजी बच्चन ने हरिवंश राय बच्चन द्वारा शेक्सपियर के अनूदित कई नाटकों में अभिनय का काम किया है ।
- कार्यक्षेत्र: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्यापन। बाद में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ रहे। अनन्तर राज्य सभा के मनोनीत सदस्य। बच्चन जी हिन्दी के सर्वाधिक लोकप्रिय कवियों में अग्रणी हें।
- निधन : १८ जनवरी २००३ को मुम्बई में।
हरिवंश राय बच्चन की रचनाएँ |
प्रमुख कृतियां
निशा निमन्त्रण प्रणय पत्रिका कविता कोश के लिए सम्पर्क करें मधुकलश एकांतसंगीत सतरंगिनी मिलनयामिनी बुद्ध और नाचघर त्रिभंगिमा आरती और अंगारे जाल समेटा आकुल अंतर तथा सूत की माला।
उनकी कृति दो चट्टाने को १९६८ में हिन्दी कविता का साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मनित किया गया था। इसी वर्ष उन्हें सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार तथा एफ्रो एशियाई सम्मेलन के कमल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। बिड़ला फाउन्डेशन ने उनकी आत्मकथा क्या भूलूं क्या याद करूं के लिये उन्हें सरस्वती सम्मान दिया था।
सहजता और संवेदनशीलता उनकी कविता का एक विशेष गुण है। यह सहजता और सरल संवेदना कवि की अनुभूति मूलक सत्यता के कारण उपलब्ध हो सकी। बच्चन जी ने बडे साहस धैर्य और सच्चाई के साथ सीधी सादी भाषा और शैली में सहज कल्पनाशीलता और जीवन्त बिम्बों से सजाकर सँवारकर अनूठे गीत हिन्दी को दिये।
हरिवंश राय बच्चन के साहित्य की सूची
आत्मकथा / रचनावली
- क्या भूलूं क्या याद करूं(1969)
- नीड़ का निर्माण फिर (1970)
- बसेरे से दूर(1977)
- दशद्वार से सोपान तक (1965)
- बच्चन रचनावली के नौ खण्ड (1983)
- मेरी श्रेष्ठ कविताएँ (1984)