ऑवेर का गिरजा / बावरा बटोही / सुशोभित

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ऑवेर का गिरजा
सुशोभित


पेरिस के उत्तर में बसे 'ऑवेर' गांव में विन्सेंट वैनगॉग (सही डच उच्चारण 'फ़िन्सेंट फ़ान ओख़') ने अपने जीवन के अंतिम 70 दिन बिताए थे।

वे यहाँ सेंट रेमी के मनोरुग्णालय से लौटकर आए थे और कलाप्रेमी डॉक्टर गाशे की निगहबानी में रह रहे थे। गहरे अवसाद, मानसिक उत्ताप, पराजय बोध और इसके बावजूद कलात्मक सृजन के ज्वार भरे दिन थे वे, जब विन्सेंट हर दिन एक नई पेंटिंग बना रहे थे।

ऑवेर का गिरजा विन्सेंट के उन अंतिम दिनों की चर्चित कृतियों में से है। विन्सेंट की उत्तर-प्रभाववादी, पूर्व-अभिव्यंजनावादी कला-शैली की छाप इस पेंटिंग में हर जगह है। यह सुपरिचित 'वैनगॉग गुणधर्मों' से परिपूर्ण कृति है, जिसमें उनके भीतर का मानसिक उत्ताप उनके द्वारा रूपांकित लैंडस्केप्स में परिलक्ष‍ित होता था।

विन्सेंट की कला में ऑवेर का यह गिरजा एक 'डिस्टॉर्टेड आउटलाइन्स' वाला स्ट्रक्चर है, मानो वह पत्थर का नहीं गत्ते का बना हो। उसके सामने कच्ची सड़कें इस तरह बिछी हैं, मानो वे पिघले हुए लावे की धारा हों। समूचा लैंडस्केप धूप में भीगा हुआ है, लेकिन गिरजा अपनी ही छांह में डूबा है। पृष्ठभूमि में गहरे नीले रंग का संतप्त आकाश है, मानो अभी यह भरी दुपहरी नहीं, आधी रात हो। वैनगॉग के ही एक अन्य चित्र 'स्टारी नाइट' की याद दिलाने वाला नील फलक। 'कंट्रास्ट‍िंग कलर्स', गतिशीलता को प्रदर्श‍ित करने वाला लैंडस्केप, प्रखर ब्रशस्ट्रोक्स, जापानी काष्ठ चित्रशैली से प्रभावित फ्रेमिंग और सुस्पष्ट रेखाएं, गाढ़े चटख रंग, ये तमाम सुपरिचित 'वैनगॉग ट्रेट्स' यहाँ पर साफ़ देखे जा सकते हैं।

ऑवेर के इस गोथिक गिरजे को वैनगॉग ने अपनी कला में अमर कर दिया है और आज भी पेरिस की यात्रा करने वाले कलाप्रेमी वैनगॉग के अंतिम दिनों के अभि‍शप्त लैंडस्केप ऑवेर की यात्रा करना नहीं भूलते।

5 जून 1890 को अपनी मृत्यु से कोई एक माह पहले बहन विल्हेमिना को लिखे एक पत्र में विन्सेंट ने कहा था-

मैंने यहाँ देहात में एक गिरजे का चित्र बनाया है। चित्र में कुछ ऐसा प्रभाव निर्मित करने की कोशिश की गई है, जैसे गहरे नीले आकाश की पृष्ठभूमि में गिरजे पर भी नील पड़ गई हो। या कहूं, कोबाल्ट ब्लू। छतों को बैंजनी रंग से रंगा है, एक जगह पर नारंगी रंग से। गिरजे की खि‍ड़कियों के शीशों पर तो जैसे और गहरी नील है। फ़ोरग्राउंड में धूप में चमकती हरी घास और तनिक गुलाबी रंगत लिए भूरी धूल है। मैंने न्यूनेन में भी ओल्ड टॉवर और सीमेट्री के ऐसे ही चित्र बनाए थे, लेकिन इस चित्र में मेरे रंग ज़्यादा एक्सप्रेसिव, ज़्यादा ठाठदार हैं।

विन्सेंट उस चिट्ठी में ऑवेर के इस गिरजे की ही बात कर रहे थे।