गद्य कोश पहेली 26 अक्तूबर 2013
Gadya Kosh से
.............“ कब की लाश ? ” “ इतनी कच्ची क्यों ? ” “ वजन बढ़ाने के लिये पानी में डुबाये होंगे ? ” “ साले, चालाकी करते हो ? ” “ आधा पैसा काट दूंगा। ” “ जा ले जा, महीने बाद लाना। ” बेचारे भवघूरा असहाय दिखते। “ एक महीना बाद ? ” “ बैलगाड़ी कहां से मिलेगी ? ” “ रूपया कहाँ से मिलेगा ? ” एक गाय की लाश के बदले कितना पैसा मिलेगा जो उसमें से बैलगाड़ी मालिक को दोगे और बचे हुये को बाँटा जायेगा ? रहमन उसके गोदाम में ताला डालने का स्वांग भरता था। वे लोग इमली के पेड के नीचे बैठे रह जाते थे। सांझ ढ़ल रही थी। उनको गांव वापस जाना होगा- बैलगाड़ी मालिक को उनकी गाड़ी वापिस करनी होगी। रहमन उनकी तरफ पीठ करके अपने घर की तरफ चला जाता । वे लोग ऐसे ही बैठे रह जाते , इस इमली पेड के नीचे। ........ |
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- ........यह कथा आख्यान आर्यों के प्रसिद्ध प्राचीन दंतकथाओं में से एक है .
- यह उदात्त और अमर प्रेम की आदि कथा है .
- यह कथा महाभारत में भी (महाभारत, वनपर्व , अध्याय 53 से 78 तक) वर्णित है .
- यह इतनी सुन्दर,सरस और मनोहर है कि कई विद्वान् इसे महर्षि वेद व्यास रचित मानते हैं .
- इस कथा पर राजा रवि वर्मा के साथ ही अनेक चित्रकारों ने अपने चित्र/तैलचित्र बनाये हैं .
- यह अमर कथा अपनी नाट्य प्रस्तुतियों से कितनी बार ही मंचों को सुशोभित कर गयी है .
- 1945 में इस कथा पर फिल्म बनी थी ....
- मुज़फ्फर अली ने इस कथा पर टीवी सीरिअल भी निर्देशित किया था ........