परिपक्व स्त्री से प्रणय / पवित्र पाप / सुशोभित

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परिपक्व स्त्री से प्रणय
सुशोभित


स्त्री-पुरुष संबंधों के जो अनेक द्वैत और उनको लेकर जो सर्वमान्य मिथक प्रचलित हैं, उन्हीं में से एक है : अधेड़ पुरुष और युवा लड़की का प्रेम। लोकप्रिय संस्कृति की अंधी लहर इस द्वैत के पक्ष में जाने-अनजाने इतने तर्क जुटाती रही है कि इसे एक अटल सत्य स्वीकार कर लिया गया है।

मसलन, वर्ष 1986 में टॉम क्रूज़ की एक फ़िल्म आई थी ‘टॉप गन’, जिसमें उनकी नायिका थी केली मैकगिलिस। इंटरनेट पर लाखों की संख्या में सर्कुलेट होने वाले असंख्य मीम्स में से एक है टॉम क्रूज़ और केली मैकगिलिस की वर्ष 1986 की तस्वीर और फिर दोनों की आज की तस्वीर। ऊपर कैप्शन लिखा होता है, ‘मेन विल बी मेन बट गर्ल्स विल बी आंटीज़।’ कारण, 54 साल के टॉम क्रूज़ जहां आज भी छबीले नौजवान नज़र आते हैं, वहीं 59 साल की केली आज उनकी मम्मा की उम्र की नज़र आती हैं। यह सिलसिला जैसे थमता ही नहीं, जब हम ये अफ़साने सुनते हैं कि परदे पर मधुबाला से रोमांस कर चुके देव आनंद बाद में ज़ीनत अमान से भी प्यार की पींगें बढ़ाते नज़र आए। कि कामिनी कौशल के प्रेमी रह चुके दिलीप कुमार ने अंतत: अपने से आधी उम्र की सायरा बानो से निक़ाह किया। राजेश खन्ना ने टीनएजर डिंपल को ब्याहा था! कि जब शाहरुख़ ख़ान और सलमान ख़ान की शुरुआती फ़िल्में हिट हुई थीं, तब आलिया भट्ट और सोनम कपूर जन्मी भी नहीं थीं, लेकिन आज वे उनके साथ नायिका के रूप में फ़िल्में कर रही हैं। कि निर्मल वर्मा ‘आदमी और लड़की’ नामक कहानी में इस प्रचलित द्वैत को आख्यान की तरह स्थापित करते हैं। ऐसा नहीं कि इसका विपरीत सच नहीं होता, लेकिन लोकप्रिय संस्कृति की दुनिया में वह ‘सेलेबल’ यक़ीनन नहीं होता। इस लोकप्रिय मिथक की टैगलाइन यह है कि ‘पुरुष कभी बूढ़ा नहीं होता, जबकि स्त्री की जवानी बहुत क्षणभंगुर होती है’!

तब इसका क्या करें कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों (जो कि नेपोलियन बोनापार्ट के बाद फ्रांस की कमान संभालने वाले सबसे कम उम्र के नेता हैं) ने अपने से 25 साल बड़ी ब्रिजिट त्रोग्न्यू से ना केवल प्यार किया, बल्कि उनसे विवाह भी किया है, और आज ब्रिजिट फ्रांस की प्रथम महिला हैं! मैक्रों और ब्रिजिट की कहानी ने अनेक सर्वमान्य मिथकों को सहसा उलट दिया है।

इस अनूठी प्रेम कहानी की शुरुआत 24 साल पहले होती है, जब मैक्रों मात्र 15 वर्ष के थे और ब्रिजिट उनकी शिक्षिका थीं। जी हां, हाईस्कूल टीचर! मैक्रों ने स्कूल के एक ड्रामा में एक पार्ट किया था। 40 साल की ब्रिजिट उस ड्रामे की डायरेक्टर थीं। ब्रिजिट फ्रेंच लिट्रेचर और लैटिन भाषा की गहरी जानकार थीं और मैक्रों भी लेखन की दुनिया में गहरी दिलचस्पी लेने लगे थे। वास्तव में ब्रिजिट मैक्रों के लेखन पर इतनी फ़िदा थीं कि क्लास में भी उनकी राइटिंग्स पढ़कर सुना करती थीं। तब क्लास के दूसरे स्टूडेंट्स को लगता था कि मैक्रों टीचर का चहेता था। लेकिन किसी को भी यह गुमान नहीं था कि टीचर और स्टूडेंट के बीच प्यार पनप रहा है! किशोरवय के मैक्रों और उनकी प्रौढ़ शिक्षिका के बीच फ़ौरन पटरी बैठी थी। प्रारंभ में ब्रिजिट ने मैक्रों की ‘मेंटर’ की भूमिका निभाई। फिर दोनों के बीच नज़दीकियां बढ़ीं। ऐसा नहीं है कि ब्रिजिट पूरी तरह से बह गई थीं। उन्होंने अपने स्तर पर इस रिलेशनशिप का पूरा प्रतिकार किया, लेकिन उन्हीं के शब्दों में, ‘मैक्रों को ना बोलना मेरे लिए संभव नहीं रह गया था।’ आख़िरकार दोनों ने तय किया कि उन्हें विवाह कर लेना चाहिए। ब्रिजिट पहले ही एक अन्य पुरुष से ब्याही जा चुकी थीं और उनके तीन बच्चे थे!

जैसा कि होता है, और भारत ही नहीं फ्रांस में भी ऐसा होता है, मैक्रों के परिजनों ने भरसक इसका विरोध किया। पहले-पहल जब उन्हें पता चला कि किसी ‘त्रोग्न्यू’ के साथ मैक्रों रिलेशनशिप में हैं तो वे समझे कि उनका चक्कर लॉरेंस से चल रहा है, जो कि वास्तव में ब्रिजिट की बेटी और मैक्रों की सहपाठी थीं। लेकिन उनके होश तब फ़ाख़्ता हो गए, जब उन्हें मालूम हुआ कि मैक्रों अपनी ‘क्लासमेट’ नहीं, बल्कि ‘टीचर’ के साथ इश्क़ फ़रमा रहे हैं और वह भी पंद्रह की कच्ची उम्र में!

फ्रांसीसी जर्नलिस्ट एने फ़ुल्दा ने मैक्रों के जीवन पर एक किताब लिखी है : ‘इमैन्युअल मैक्रों : अ यंग मैन सो परफ़ेक्ट’। यह किताब अभी दस दिन पहले ही फ्रेंच में रिलीज़ हुई है और तभी से यह सनसनी पैदा किए हुए है। माना जाना चाहिए कि फ़ौरन से पेशतर इस किताब का अंग्रेज़ी अनुवाद सामने आ जाएगा। किताब में फ़ुल्दा ने मैक्रों और ब्रिजिट की कहानी के बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने बताया है कि एक प्रौढ़ स्त्री से बेटे के रोमांस की ख़बर सुनकर मैक्रों के माता-पिता स्तब्ध रह गए थे। पहले-पहल उन्होंने यह कहकर मैक्रों को मनाने की कोशिश की कि वे कोई भी निर्णय लेने से पहले कम से कम 18 वर्ष की उम्र तक प्रतीक्षा करें। उनका अनुमान था कि तब तक मैक्रों के सिर से ब्रिजिट का ख़ुमार उतर जाएगा। लेकिन हुआ इसका उल्टा। मैक्रों ठान चुके थे कि शादी करेंगे तो ब्रिजिट से ही। दूसरी तरफ़ ब्रिजिट की हालत भी कुछ ऐसी ही थी। तब मैक्रों के माता-पिता ने ब्रिजिट से कहा कि उससे मैक्रों को कोई संतान नहीं हो सकती, तो वह क्यों उनके बेटे का जीवन बर्बाद कर रही है। मैक्रों की मां ने तो ब्रिजिट पर कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि उन्हें देखकर उन्हें अपनी छोटी बहन जैसी अनुभूति हो रही है, बहू जैसी तो क़तई नहीं! इसके बाद दोनों प्रेमी कुछ समय के लिए अलग हो गए। मैक्रों अपना कॅरियर बनाने पेरिस चले गए। वहां से लौटे तो फिर वही राग अलापा : मुझे तो ब्रिजिट से ही ब्याह करना है। अब उनके माता-पिता कुछ विरोध नहीं कर सके और आख़िरकार वर्ष 2007 में दोनों ने शादी कर ली।

हाल ही में किसी ने ब्रिजिट से पूछा कि मैक्रों इतने बेहतरीन ‘पोलिटिशियन’ कैसे साबित हुए। ब्रिजिट ने फ़ौरन जवाब दिया : ‘वेल, फ़रगेट पोलिटिक्स, ही इज़ सो गुड एट एवरीथिंग।’ वो फ्रेंच जर्नलिस्ट्स के लिए एक ठंडी आह भरने वाला रोमांचक क्षण रहा होगा।

कोई भी नहीं जान सकता कि वो कौन-सी चीज़ थी, जो मैक्रों और ब्रिजिट के बीच क्लिक हुई और वैसे भी स्त्री-पुरुष संबंध से जटिल इस दुनिया में और क्या है। लेकिन वे अब 10 साल से मैरिड और 25 साल से लवर्स हैं, तो आप यह तो कह ही सकते हैं कि ‘देअर रिलेशनशिप हैज़ स्टुड द टेस्ट ऑफ़ टाइम।’ सच तो यह है कि आप जब ‘रिलेशनशिप्स’ को लेकर भावुक क़िस्म की बातों से उबरते हैं, तो आप इस बात के मायने बेहतर तरीक़े से समझ पाते हैं कि स्त्री-पुरुष संबंधों के कितने आयाम होते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त करने में उनकी क्या भूमिका होती है। यक़ीन मानिए, ‘रिलेशनशिप इंडेक्स’ ज़िंदगी की सबसे ज़रूरी और ख़ूबसूरत शै है। फ्रांस का प्रथम-युगल इसकी एक बानगी है और आप ऐसा नहीं सोच सकते कि उन्होंने दूसरे विकल्पों को भरपूर आज़माने के बाद यह फ़ैसला नहीं लिया होगा।

एक विकसित देश मेरी दृष्टि में वही है, जिसके स्त्री-पुरुष अपनी ‘रिलेशनशिप्स’ को लेकर खुले और मैच्योर हों। जीडीपी के आंकड़ों से केवल आमदनी और ख़र्चों का ब्योरा मिलता है। वो ‘पिछड़े मुल्क़ों’ को मुबारक!