रमेश बक्शी
Gadya Kosh से
रमेश बक्शी
जन्म | |
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जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
देवयानी का कहना है, एक घिसा हुआ चेहरा, पिता दर पिता, कलकत्ता से दिल्ली तक, तलघर, बाहर आए हुए लोग, खाली जेब, मेज पर टिकी कुहनियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
रमेश बक्शी / परिचय |
कहनियाँ
- पैरोडी / रमेश बक्शी
- अगले मुहर्रम की तैयारी / रमेश बक्शी
- मेज पर टिकी हुई कुहनियाँ / रमेश बक्शी
- मुमताज महल का इयरिंग / रमेश बक्शी
- एक अमूर्त तकलीफ / रमेश बक्शी
- किस्सा एक शुतुरमुर्ग का / रमेश बक्शी
- कोरे कार्ड के चार टुकड़े / रमेश बक्शी
- तवाँ करदन तमामी उम्र / रमेश बक्शी
- थर्मस में कैद कुनकुना पानी / रमेश बक्शी
- बगैर शेड वाले बल्ब की रोशनी / रमेश बक्शी
- प्रार्थना / रमेश बक्शी
- अंत्याक्षरी / रमेश बक्शी
- कोई और / रमेश बक्शी
- जो सफल हैं / रमेश बक्शी
- आम-नीम-बरगद / रमेश बक्शी
- पूरे सोलह आने-भर / रमेश बक्शी
- अलग-अलग कोण / रमेश बक्शी
- हरी मछली के खेल / रमेश बक्शी
- एक समानांतर कहानी / रमेश बक्शी