शालिग्राम
जन्म | 21 मई 1934 |
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जन्म स्थान | गाँव पचीत, ज़िला मुंगेर,(अब खगड़िया), बिहार |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
पाही आदमी (कहानी-संग्रह, 1963); सांघाटिका (कविता-संग्रह, 1970) | |
विविध | |
जिस साल शालिग्राम का जन्म हुआ, उसी साल बिहार में ऐतिहासिक भूकम्प आया था। इनकी शिक्षा-दीक्षा भागलपुर में हुई, लेकिन साहित्यिक विकास सहरसा की ज़मीन पर हुआ। सन् 1963 में इनका पहला कहानी-संग्रह 'पाही आदमी' भी सहरसा में ही प्रकाशित हुआ। इसी संग्रह पर टिप्पणी करते हुए महान कथाशिल्पी रेणु ने लिखा था :
"हिन्दी साहित्य में आंचलिक लेखन और आंचलिकता एक विवाद का विषय बना हुआ है। शालिग्राम का कथा-संग्रह 'पाही आदमी' इस चर्चा-परिचर्चा के लिए प्रचुर सामग्री लेकर प्रकाशित हो रहा है...।" गद्य लेखन के साथ-साथ कविताएँ भी लिखीं। फिर छुट-पुट रचनाएँ 'धर्मयुग', 'साप्ताहिक हिन्दुस्तान', 'सारिका', 'नई कहानियाँ', 'दिनमान' आदि पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहीं। सन् 1970 में 'सांघाटिका' के नाम से कविता-संग्रह का प्रकाशन हुआ। और, उसी साल भारत-नेपाल के बारे में लिखा एक सांस्कृतिक रिपोर्ताज 'अटपट बैन मोरंगिया रैन' राजस्थान माध्यमिक बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल हुआ। लम्बी समय तक अपने गांव की राजनीति में व्यस्त रहे तथा अपने कृषि फार्म की देखरेख करते रहे, जहाँ विभिन्न स्तरों पर जीवन को निकट से देखने का मौका मिला और जिसके बाद इन्होंने पहला उपन्यास लिखा। निकट भविष्य में दूसरा उपन्यास 'कित आऊं कित जाऊं', कहानी संग्रह 'नटुआ दयाल' और रिपोर्ताज संग्रह 'घोघो रानी कित्ता पानी' प्रकाशित होने जा रहे हैं। | |
जीवन परिचय | |
शालिग्राम / परिचय |