गद्य कोश पहेली 20 दिसम्बर 2013
Gadya Kosh से
मुझे "-----" नामक इस उपन्यास के लिए खासी बदनामी मिली है लेकिन वहाँ ऊपर से नीचे तक राजनीति में समाये भ्रस्टाचार के खिलाफ लड़ाई है जो सारंग ने भी लड़ी और श्रीधर ने भी साथ ही गाँव की तमाम स्त्रियों ने , एकजुट होकर। दुर्भाग्य यह है कि साहित्यक स्त्री पुरुष हमारे लेखन में आयी यौनिकता के आधे एक पन्ने के साथ जुड़कर वर्षों बिता सकते हैं जैसे स्त्री द्वारा उठाये गए सारे सरोकार बेमानी होते हों। |
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